उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान से मजीठिया वेज बोर्ड की मांग को लेकर कर्मचारियों द्वारा क्रांति की खबर आ रही है. पत्रकारों ने मजीठिया वेज बोर्ड की मांग को लेकर तमाम विभागों में शिकायत करने के बाद प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खबर है कि हिंदुस्तान टाइम्स में तो प्रबंधन बवाल शांत करने में कामयाब हो गया, लेकिन हिंदुस्तान में कर्मचारियों ने प्रबंधन ने कर्मचारियों को दिन में तारे दिखा दिए हैं. लाभ-प्रलोभन-धमकी के बाद भी वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि हिंदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान के लखनऊ संस्करण में मजीठिया वेज बोर्ड की मांग को लेकर कर्मचारियों ने क्रांति का विगुल फूंक दिया और मुख्य सचिव सहित श्रम आयुक्त को एक पत्र लिख दिया. इस पत्र की प्रति मुख्य सचिव ने कार्रवाई के लिए श्रम आयुक्त को भेजी, जिसके बाद प्रबंधन को तलब किया गया. इस बात की खबर जैसे ही प्रबंधन को लगी पूरे संस्थान में हड़कंप मच गया. इसके बाद मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया.
इधर, हिंदुस्तान टाइम्स लखनऊ के एक कर्मचारी को नौकरी से निकालने की धमकी देकर क्रांतिकारियों को ब्लैकमेल किया गया और कहा गया कि अगर आप इस कर्मचारी की नौकरी बचाना चाहते हैं तो अपनी शिकायत वापस लीजिये. प्रबंधन के इस झांसे में हिंदुस्तान टाइम्स के कर्मचारी आ गए और उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली. मगर हिंदुस्तान के 8 कर्मचारी अब भी टस से मस नहीं हो रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि हिंदुस्तान के इस क्रांति को शांत करने दिल्ली से एक अधिकारी अंशुमान को अपने कार्मिक अधिकारियों के साथ आना पड़ा, लेकिन वे भी कामयाब नहीं हो पाए.
बुधवार की रात तक प्रबंधन की तरफ से इन 8 साथियों को ऑफर तके आने लगे. ऑफर तो यहाँ तक आये कि आपको स्टेट ब्यूरो में अच्छे पद दिए जाएंगे, मगर इन कर्मचारियों ने जब साफ़ कह दिया कि मजीठिया का लाभ दो और प्रमोशन भी, जिसके बाद संपादक की ड्यूटी लगाईं गयी इन्हें मनाने के लिए. मगर कर्मचारी नहीं माने तो उनके चहेते लोगों से प्रयास कराया गया. अंत में जब दाल नहीं गली तो प्रबंधन ने इन क्रांतिकारियों की तस्वीर गेट पर लगा दी और सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दे दिया कि इन कर्मचारियों को अंदर प्रवेश न दिया जाए.
प्रबंधन की इस हरकत से गुस्साए कर्मचारियों ने इस बात की लिखित सूचना श्रम आयुक्त और स्थानीय पुलिस को दे दी, जिसके बाद प्रबंधन के हाथ-पांव और फूल गए. यहाँ गुरुवार को भी प्रबंधन की तरफ से मान-मनौव्वल का दौर जारी है, लेकिन कर्मचारियों ने साफ़ कह दिया है कि मजीठिया का लाभ दो और प्रमोशन भी तभी मानेंगे. खबर यह भी है कि हिंदुस्तान के कुछ और पत्रकार इस समूह के साथ क्रांति करने की तैयारी कर रहा है.
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
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