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सुख-दुख

”आईएफडब्लूजे और के.विक्रम राव को बदनाम करने का कुछ लोग कर रहे हैं कुत्सित प्रयास”

यशवंत जी,

सर्वप्रथम तो आपको साधुवाद कि आपने इस भ्रामक खबर पर आईएफडब्लूजे का पक्ष जानने का प्रयास किया. इस पूरी खबर को पढ़ने से एक बात तो स्पष्ट होती है कि यह पूरी कहानी आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के.विक्रम राव को बदनाम करने की और हमारे संगठन आईएफडब्ल्यूजे की छवि धूमिल करने के लिए गढ़ी गयी है. इनमे से किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है. हमारे अध्यक्ष पर आरोप लगाने के लिए जिन घटनाओं का ज़िक्र किया गया है वे सभी 5 से 15 साल पुरानी है और ये अपने में आप में बड़ा हास्यास्पद है की किसी घटना पर आरोप लगाने में इतना लम्बा समय लग गया.

<p>यशवंत जी,</p> <p>सर्वप्रथम तो आपको साधुवाद कि आपने इस भ्रामक खबर पर आईएफडब्लूजे का पक्ष जानने का प्रयास किया. इस पूरी खबर को पढ़ने से एक बात तो स्पष्ट होती है कि यह पूरी कहानी आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के.विक्रम राव को बदनाम करने की और हमारे संगठन आईएफडब्ल्यूजे की छवि धूमिल करने के लिए गढ़ी गयी है. इनमे से किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है. हमारे अध्यक्ष पर आरोप लगाने के लिए जिन घटनाओं का ज़िक्र किया गया है वे सभी 5 से 15 साल पुरानी है और ये अपने में आप में बड़ा हास्यास्पद है की किसी घटना पर आरोप लगाने में इतना लम्बा समय लग गया.</p>

यशवंत जी,

सर्वप्रथम तो आपको साधुवाद कि आपने इस भ्रामक खबर पर आईएफडब्लूजे का पक्ष जानने का प्रयास किया. इस पूरी खबर को पढ़ने से एक बात तो स्पष्ट होती है कि यह पूरी कहानी आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के.विक्रम राव को बदनाम करने की और हमारे संगठन आईएफडब्ल्यूजे की छवि धूमिल करने के लिए गढ़ी गयी है. इनमे से किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है. हमारे अध्यक्ष पर आरोप लगाने के लिए जिन घटनाओं का ज़िक्र किया गया है वे सभी 5 से 15 साल पुरानी है और ये अपने में आप में बड़ा हास्यास्पद है की किसी घटना पर आरोप लगाने में इतना लम्बा समय लग गया.

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वास्तविकता ये है कि संगठन में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव और नयी कार्यकारिणी के गठन पर मथुरा में 29 और 30 नवम्बर 2015 को हो रहे अधिवेशन में चर्चा होनी है जिसमे कुछ सख्त निर्णय भी लिए जायेंगे. यह दुष्प्रचार और भ्रामक बाते उन लोगो के द्वारा ही फैलाई जा रही है जिनका मकसद मथुरा अधिवेशन में होने वाली कार्यवाही से बचना है. इसी तरह का भद्दा दुष्प्रचार कुछ माह पूर्व रायपुर अधिवेशन के दौरान भी किया गया था.

इसका एक और प्रमाण है कि आईएफडब्ल्यूजे के दिल्ली ऑफिस के कर्मचारी श्री भगवान भारद्वाज (फ़ोन न. 09868819070) का कहना है की उसकी किसी शेखर पंडित नामक व्यक्ति से कोई बात नहीं हुई. आईएफडब्ल्यूजे की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष का कहना है की बिमल थम्ब नाम का कोई व्यक्ति IFWJ का सदस्य ही नहीं है.

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धन्यवाद
विश्वदेव
प्रभारी सोशल मीडिया सेल
आई.एफ.डब्लू.जे.   

वो खबर पढ़ने के लिए जिस पर IFWJ की तरफ से सफाई आई है, नीचे क्लिक करके अगले पेज पर जाएं>

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