Prashant Patel-
गुजरात में अपनी साख मटियामेट करवाने वाले इंडिया न्यूज़ गुजरात को हालिया दौर में ढंग का काम करने वाला एक भी ‘मजदूर’ नहीं मिल रहा! आए दिन एचआर नरेश जसवाल और महावीर पूर्व कर्मियों से चैनल में घर वापसी के लिए मिन्नत करते रहते हैं, लेकिन उनको हास्यास्पद उत्तर मिल रहें हैं।
ये वही दो महाशय है, जो कर्मचारियों को मानसिक दबाव देने में कोई कसर बाकी नहीं रखते थे। कुदरत का नियम है, जो बोओगे वहीं पाओगे। पिछले एक साल में इस चैनल ने दो-तीन बार रिक्तियां निकाली लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
रिपोर्टर, स्ट्रिंगर, एंकर, असाइनमेंट, संपादक, कैमरामैन, पीसीआर, वीडियो एडिटर सब लोग मुफ्त में श्रमदान करें, संस्थान की यही चाह रहती है। आज तक स्ट्रिगरों को फूटी कौड़ी नहीं दी गई। चैनल में काम करने वालों को दो महीने में एकाध बार पगार मिल जाया करती थी।
नये नवेले लोग यहां काम करने से पहले बचें! पूरा संस्थान ही गड़बड़ है। एक बार यहां जुड़ने के पश्चात ही पता चलेगा कि जीते जी नरक की सैर कर ली है। यहां काम करने के लिए आपकी योग्यता भले ही जर्नलिज्म हो, परंतु एकाध दो महीने बाद जब पगार की बात आती है तब आप खुद को एक भिक्षुक की कतार में खड़े महसूस करोगे। खुद नौकरी करते हुए भी दूसरों से उधारी कर कर के अपनी ही नज़रों में गिर जाओगे। दोस्तों और रिश्तेदारों से बकाया लेकर बची खुची साख भी गंवा लो!
चैनल के कई कथित बड़े लोग कामगारों से उधारी मांग कर अपना बसेरा कर रहे हैं। नेटवर्क न्यूज़ गुजरात के पीसीआर के एक बंदे से एक महाशय ने 6000 की उधारी ली थी, जो काफी खरी-खोटी सुनाने के बाद वापस लौटी। इंडिया न्यूज़ में भी पूर्व एंकर से 200 रुपए की उधारी कर रिक्शा भाड़ा दिया! एक हस्ती पर उनकी मां ने धड़ल्ले से अखबार में विज्ञापन देकर सरेआम आबरु को नीलाम किया था। कहने को तो उनके पिताजी मशहूर अंग्रेजी अखबार में काम कर चुके हैं।