लखनऊ में ईटीवी से यूपी के हेड बृजेश मिश्र के इस्तीफा देने और नया चैनेल लांच के बाद अब ईटीवी से ग्रामीण अंचलों में विधानसभा स्तर पर रखे गए इनफारमरों को हटाने की तैयारी की जा रही है। पता चला है कि ईटीवी प्रबंधन ने 30 दिसम्बर से अपने सभी इनफारर्मरों को हटाने का आदेश दे दिया है। इसके लिए जिले में ईटीवी के प्रतिनिधियों ने अपने इनफारमरों को सूचना भी दे दिया है।
लगता है कि बृजेश मिश्र के जाने के बाद ईटीवी का मार्केट वैल्यू कम हो गया है और उसकी टीआरपी भी कम हुई है। दूसरे चैनल तो ग्रामीण अंचल में अपने संवाददाता रख रहे हैं। लेकिन ईटीवी ने पिछले पांच साल से रखे अपने विधानसभा स्तरीय संवाद सूत्रों को हटाने का फरमान क्यों जारी किया है, इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कहीं प्रबंधकों ने मालिकानों को घाटा पूरा करने के लिए यह रास्ता तो नहीं सुझा दिया है!
वैसे ईटीवी इनफारमरों के जरिए प्रदेश का नंबर वन चैनेल बना रहा है। इसके बाद देखना होगा कि ईटीवी का नंबर कौन सा होगा। पिछली मीटिंग में सबको ज्यादा सुविधाएं देने का वादा किया गया था। चर्चा है कि कई जिलों के रिपोर्टरों ने इनफारमरों की शिकायत की है कि वे सीधे कंट्रोल रूम को खबर भेजते हैं, जिसके लिए आदेश भी था। लेकिन नए यूपी हेड और ईटीवी प्रबंधन के बीच क्या खिचड़ी पकी है, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन बृजेश मिश्र के जाने का कहीं न कहीं असर तो जरूर दिख रहा है।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.