फरीदाबाद पुलिस ने अपने हत्यारे इंस्पेक्टर को बचाने का पूरा प्रयास किया लेकिन मीडिया के द्वारा सच्चाई सामने लाए जाने पर अंतत: इंस्पेक्टर अमित को गिरफ्तार कर लिया गया. पत्रकार पूजा तिवारी आत्महत्या मामले में पुलिस ने इंस्पेक्टर अमित को गिरफ्तार कर आज शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर पांच दिन का रिमांड मांगा. कोर्ट ने पुलिस को चार दिन का रिमांड दिया. दरअसल अमित और पूजा के अपने दोस्त भरत से बातचीत के वायरल हुए ऑडियो ने गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई. यह ऑडियो पूजा की मौत से कुछ घंटे पहले का है.
पूजा के माता-पिता ने गुरुवार को पूरक बयान देकर अमित पर साजिश का संदेह जाहिर किया और कहा कि उन्हें उस पर बहुत विश्वास था, लेकिन उसने विश्वासघात किया. पुलिस ने माता-पिता के बयानों को गिरफ्तारी का आधार बनाया. सीपी डॉ. कुरैशी ने बताया कि घटना के समय अमित मौके पर मौजूद था. वायरल हुई ऑडियो में स्पष्ट हो रहा है कि अमित पूजा को प्रताड़ित कर रहा था और उस पर शक करता था.
घटना के बाद वह पूजा का बैग लेकर चंपत हो गया था. इन सभी तथ्यों से उस पर संदेह गहरा गया. गुरुवार को अमित ने पूजा का सुसाइड लेटर पुलिस को सौंपा था. पूजा की आत्महत्या वाली रात को अमित वशिष्ठ उसके फ्लैट पर ही मौजूद था. पुलिस को शक है कि पूजा की मौत में अमित की बड़ी भूमिका है. पुलिस को मिले इस पत्र में पूजा ने उन तीन डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है जिनका स्टिंग ऑपरेशन पूजा ने भ्रूण हत्या करने के मामले में किया था.
उधर, इंस्पेक्टर अमित वशिष्ठ ने स्वीकार किया है कि पूजा तिवारी पांचवीं मंजिल की अपनी बालकनी से लटक गई थी जिसे वह पकड़ कर उपर उठाना चाह रहा था लेकिन संभाल नहीं पाया और पूजा गिर गई. फोरेसिंक टीम ने भी जांच में पाया है कि पूजा की मौत कूदने से नहीं बल्कि लकट कर गिरने से हुई है. तो इसका मतलब यह लगाया जा रहा है कि अमित ने पूजा को प्रताड़ित करने के क्रम में उसका पैर पकड़ कर बालकनी से सिर के बल लटकाया था और बाद में उसने पैर छोड़ दिए.