मुकुल सरल-
साथी महेंद्र मिश्र और जनचौक की पूरी टीम को बहुत बधाई और शुभकामनाएं… दोस्तो, जनचौक आज अपनी एक नई यात्रा पर बढ़ गया है। क़रीब 6 साल की कड़ी मेहनत, संघर्ष के बाद जनचौक आज इस मकाम पर आया है कि बाक़ायदा एक ऑफिस शुरू कर सका है।
पढ़ने-लिखने वाले चंद दोस्तों की मदद से सन् 2016 में सीमित संसाधनों में शुरू हुआ जनचौक न्यूज़ पोर्टल अपने काम की वजह से आज इस स्थिति में पहुंचा कि कुछ प्रगतिशील जनवादी सोच वाली संस्थाओं ने कुछ फंडिंग की है ताकि वो वैचारिक और तथ्यात्मक पत्रकारिता, जिसका आज तथाकथित मेन स्ट्रीम मीडिया से बिल्कुल लोप हो चुका है, के क्षेत्र में और मज़बूती से अपने क़दम बढ़ा सके।
उसी सहयोग से नोएडा के सेक्टर 63 में जनचौक ने एक छोटा सा दफ़्तर शुरू किया है, ताकि काम और व्यवस्थित ढंग से हो सके। इसी दफ़्तर का आज उद्घाटन था जिसमें जनपक्षीय विचारधारा से जुड़े तमाम लेखक और पत्रकार इकट्ठा हुए। मुख्य अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय मौजूद थीं। आपके ज़िंदाबाद ट्रस्ट का भी जनचौक को काफ़ी सहयोग रहा है।
आज नए दफ़्तर के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारिता को लेकर कुछ गंभीर बातें हुईं और कुछ गप्पे-शप्पे भी हुईं। देखें ये वीडियोज़-
जनचौक पोर्टल की कहानी, मुकुल सरल और महेंद्र मिश्र की ज़ुबानी!
किसी को नष्ट करना हो तो फंड कर दो या शादी करा दो : अरुंधति रॉय
मीडियाविजिल, क्रांति, फंडिंग और पंकज!
हिंदी के यूट्यूब चैनलों की बहुत बुरी स्थिति है : उर्मिलेश