करीब दो वर्ष पहले गुजरात के अहमदाबाद से शुरू हुआ ‘जानो दुनिया’ नेशनल न्यूज़ चैनल किसी भी स्थिति में आगे निकलकर बड़े चैनलो के मुकाबले खड़ा होता दिखाई नहीं दे रहा है। फिलहाल तो चैनल के हालात इस कदर खराब हो चुके है कि चैनल में काम करने वाले स्ट्रिंगरों को देने के लिए चैनल के पास पैसा नहीं हैं। पिछले ढ़ेड़ साल से स्ट्रिंगर पैसे मिलने की आस पर बिन पैसे के ही काम कर रहे हैं। पैसे मांगने पर चैनल के एचआर विभाग से आश्वासन और तारीख के सिवा और कुछ मिलता दिखाई नहीं दे रहा।
डेस्क पर बैठे लोग भी स्ट्रिंगरों को सिर्फ जल्द पैसे मिलने का आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन बेचारे स्ट्रिंगरों की हालत आऐ दिन पतली होती जा रही है। जिस स्ट्रिंगर को किसी और चैनल में काम करने का मौका मिल रहा है वो जानो दुनिया को बाय-बाय बोल कर बिना पैसा लिऐ ही निकल रहे हैं। और जिनको किसी अच्छे चैनल में मौका नहीं मिल रहा वो यहीं अपना मेहनताना मिलने का इन्तजार कर रहे है। इसी आस पर कि शायद कभी तो उसको उसका हक मिलेगा।
जब चैनल ने शुरूआत की थी तो कुछ महीनों तक थोड़ा बहुत मानदेय मिला था। लेकिन कुछ दिन पैसा देने के बाद तो चैनल ने स्ट्रिंगरों के मुंह से निवाला ही छीन लिया और अब तक फुटी कौड़ी नहीं दी। इस अपनी परेशानी को भड़ास के साथ साझा कर के अपने दुख को बाट रहा हॅू। क्योंकि मैं भी इसी चैनल में काम करने वाला एक स्ट्रिंगर ही हॅू। यही सोच कर आज मै लिख रहा हं कि शायद चैनल के मालिकों को भी पता चले कि उनके चैनल मे काम करने वाले किस तरह से काम कर रहे है, किस हाल में जी रहे हैं।
धन्यवाद।
एक पत्रकार द्वारा बेजे गए पत्र पर आधारित।