Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

झांसी के अखबार ‘जनसेवा मेल’ को नोटिस भेजने का काम जारी रखे हुए दैनिक जागरण

दैनिक जागरण झांसी के संपादक यशोवर्धन गुप्त ने झांसी के ही हिंदी दैनिक जनसेवा मेल को केवल इस बात पर नोटिस दिया है कि वह न्यूज़ पेपर खुद को नंबर एक क्यों लिख रहा है। दैनिक जागरण के संपादक का कहना है कि जनसेवा मेल के ऐसा लिखने से उनके विज्ञापन कम हो गए हैं। मजेदार बात तो ये है कि न तो उन्होंने इसका आधार जानने की कोशिश की और न ही इस बात की तस्दीक करने की कोशिश की कि आखिर नंबर एक लिखने का उद्देश्य क्या है।

<p>दैनिक जागरण झांसी के संपादक यशोवर्धन गुप्त ने झांसी के ही हिंदी दैनिक जनसेवा मेल को केवल इस बात पर नोटिस दिया है कि वह न्यूज़ पेपर खुद को नंबर एक क्यों लिख रहा है। दैनिक जागरण के संपादक का कहना है कि जनसेवा मेल के ऐसा लिखने से उनके विज्ञापन कम हो गए हैं। मजेदार बात तो ये है कि न तो उन्होंने इसका आधार जानने की कोशिश की और न ही इस बात की तस्दीक करने की कोशिश की कि आखिर नंबर एक लिखने का उद्देश्य क्या है।</p>

दैनिक जागरण झांसी के संपादक यशोवर्धन गुप्त ने झांसी के ही हिंदी दैनिक जनसेवा मेल को केवल इस बात पर नोटिस दिया है कि वह न्यूज़ पेपर खुद को नंबर एक क्यों लिख रहा है। दैनिक जागरण के संपादक का कहना है कि जनसेवा मेल के ऐसा लिखने से उनके विज्ञापन कम हो गए हैं। मजेदार बात तो ये है कि न तो उन्होंने इसका आधार जानने की कोशिश की और न ही इस बात की तस्दीक करने की कोशिश की कि आखिर नंबर एक लिखने का उद्देश्य क्या है।

दैनिक जागरण का ये नोटिस झांसी के मीडिया जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताते चलें कि दैनिक जागरण प्रेस के बगल में जागरण मैनेजमेंट ने एक बम विस्फोट कराया था जिसके कारण उन पर मुकदमा कायम हुआ था और दैनिक जनसेवा मेल ने इस क्राइम की खबर को अखबार में प्रमुखता से जनहित में छापा था। जागरण इस न्यूज़ के बाद ही जनसेवा मेल के पीछे पड़ गया और लगातार छोटी-छोटी बात पर नोटिस दे रहा है। ऐसा लग रहा है कि उसके पास नोटिस देने के अलावा और कोई काम नहीं बचा है। हालांकि सभी नोटिस माननीय न्यायालय ने खारिज कर दिए हैं लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। इसी क्रम में आज ये नोटिस दिया गया है जिसे लेकर मीडिया जगत में जागरण की हंसी उड़ाई जा रही है. पत्रकार ये कहने में नहीं चूक रहे कि कल को इस बात पर भी उंगली उठायी जाएगी कि वह क्या पहने है और क्यों घूम रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित. आपको भी कुछ कहना-बताना है तो [email protected] पर मेल करें.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. azad

    September 4, 2014 at 5:03 pm

    दोनों के मालिक शहर के भू माफिया है। झगड़ा अखबार-सरोकार का नहीं जमीन का है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement