जयनारायण प्रसाद जी
मेरे मित्र जयनारायण प्रसाद नासिक में अपोलो अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। साथ में सिर्फ उनका भतीजा व भाई है। जयनारायण को भी बड़ा फक्र होता था कि उनके सैकड़ों आभाषी मित्र हैं। लेकिन मुश्किल की घड़ी में कोई नजर नहीं आ रहा है। जयनारायण प्रसाद के बारे में जानिए। कोलकाता इंडियन एक्सप्रेस के जनसत्ता हिंदी दैनिक में कार्यरत हैं। फिलहाल जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। शिरडी घूमने गए थे। साथ में टूर पर जाने वाले ग्रुप के अलावा उनका भतीजा और भाई भी था।
शिरडी में ही २० अक्तूबर को उनको ब्रेन अटैक पड़ा। भतीजे ने तुरंत शिरडी ट्रस्ट के अस्पताल में भर्ती कराया मगर हालत नहीं सुधरने पर नासिक अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। उनके भतीजे ने बताया कि पहले हल्की बातचीत सिर्फ इतनी ही कर पाते थे कि उन लोगों को बोल रहे थे कि मुझे कोलकाता ले चलो। भतीजा उनकी इच्छानुसार यही करना चाहता था मगर शिरडी के डाक्टर कहीं दूर ले जाने का रिस्क उठाने के लिए तैयार नहीं हुए।
भतीजे ने मुझको फोन किया। मैंने कहा कि फौरन नासिक अपोलो ले जाओ। जान बचानी जरूरी। 21 को अपोलो में भर्ती कराया गया। वहां अब कल से ही वेंटिलेटर पर रखा गया है। पहले से रिस्पांस कम है। बोलने पर हाथ वगैरह हिला रहे हैं। सेंस है। मगर स्थिति नाजुक है। ब्रेन हेमरेज बता रहे हैं डाक्टर। अब परिवार वाले भी ईश्वर से जयनारायण के ठीक हो जाने की प्रार्थना कर रहे है। मेरी भी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि मेरे मित्र व सहकर्मी जयनारायण प्रसाद जल्द स्वस्थ हो जाएं।
कोलकाता के प्रोफेसर, पत्रकार और आलोचक डा. मांधाता सिंह की रिपोर्ट.