सहारा मुंबई के ढेरों कर्मी इसी सात मार्च को सहारा के मुंबई स्थित बड़े होटल सहारा स्टार के सामने अधनंगे होकर प्रदर्शन करने वाले थे. ये सेलरी के लिए सड़क पर आने की तैयारी कर चुके थे. इसके लिए सहारा इंडिया कामगार संघठन नामक यूनियन के बैनर तले सभी कर्मचारी एकजुट थे. काफी प्रचार प्रसार भी कर दिया गया. लेकिन अंत में सारे कर्मी फिर सहाराश्री सुब्रत राय के झांसे में आ गए.
सुब्रत राय का जेल से लिखा एक पत्र इन यूनियन नेताओं को पकड़ा दिया गया. फिर जाने क्या अंदरखाने यूनियन नेताओं और प्रबंधन के बीच गुपचुप बातचीत हुई, आंदोलन स्थगित करने का ऐलान कर दिया गया. कई लोग चर्चा कर रहे हैं कि यूनियन के नेता प्रबंधन के झांसे और प्रलोभन में आकर अपना हित तो देख रहे हैं, पर दूसरे कर्मियों के पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं.
उपर वो पोस्टर है जिसे सात मार्च के आंदोलन के लिए तैयार किया गया था. इस बारे में भड़ास पर खबर भी सहारा इंडिया कामगार संघठन के विशाल मोरे ने छपवाई थी, लेकिन अब यही विशाल मोरे सबको बताते घूम रहे हैं कि सुब्रत राय ने पत्र लिखा है इसलिए आंदोलन स्थगित कर रहे हैं. पर सवाल ये है कि क्या सुब्रत राय ने पत्र में एक निश्चित तिथि को सेलरी देने का वादा किया है? अगर नहीं तो फिर ये आंदोलन स्थगित करने का क्या तुक है? कहीं अंदर ही अंदर सौदेबाजी तो नहीं कर ली गई? ज्ञात हो कि सुब्रत राय पहले भी पत्र लिखकर सहारा नोएडा के कर्मियों के अच्छे खासे आंदोलन को तुड़वा चुके हैं और बदले में किसी को कुछ नहीं मिला.
सुब्रत राय द्वारा सहारा मुंबई के आंदोलनकारी कर्मियों को लिखा पत्र पढ़ने के लिए अगले पेज पर जाने हेतु नीचे क्लिक करें :