पत्रकार संगठन के नाम पर दलाली का कारोबार करने वाले आपस में ही भिड़ पड़े हैं. IFWJ संगठन से के. विक्रम राव ने हेमंत तिवारी को निकाल बाहर किया तो हेमंत तिवारी ने के. विक्रम राव को ही निकाले जाने का ऐलान कर दिया. इस पूरे प्रकरण को मीडिया वाले चटखारे लेकर पढ़ सुन बता रहे हैं क्योंकि यहां लड़ाई पत्रकारिता की नहीं बल्कि दलाली के धंधे पर कब्जे की है. निलंबन संबंधी दोनों पक्षों की ओर से भेजे गए समाचार इस प्रकार हैं…
पहली खबर…
IFWJ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव ने सचिव पद पर तैनात हेमंत तिवारी को संगठन विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित कर दिया है. ज्ञात हो की हेमंत तिवारी ने बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष IFWJ की अनुमति के 18 दिसम्बर को एक सूचना जारी की थी जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय पार्षदों की बैठक बुलाने की बात कही थी. हेमंत तिवारी ने हाल में हुए मथुरा अधिवेशन जिसमें सभी राष्ट्रीय पार्षद सम्मिलित हुए थे, उसे अवैध बताया था. हेमंत की इस हरकत का विरोध IFWJ की सभी राज्य इकाइयों के अध्यक्ष और महामंत्रियों ने किया था और सभी राष्ट्रीय पार्षदों ने उनके निष्कासन की मांग करी थी. IFWJ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 18 दिसम्बर को हेमंत तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसका हेमंत तिवारी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया था. नोटिस में हेमंत तिवारी को निलंबित करते हुए उन्हें 30 दिन का समय दिया गया है जिसके अन्दर वे अपना माफीनामा पेश कर सकते हैं अन्यथा उन्हें निष्कासित कर दिया जायेगा.
दूसरी खबर…
इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के राष्ट्रीय सचिव (उत्तर) हेमन्त तिवारी ने के. विक्रम राव को पत्र लिखकर सूचित किया है कि राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पाण्डे ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्य पारिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मल्लिकर्जुनिअह, राष्ट्रीय सचिव (सैंट्रल) कृष्णमोहन झा, राष्ट्रीय सचिव (दक्षिण) के. असदुल्ला से चर्चा कर आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के अध्यक्ष पर लगे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के साथ ही संघ विरोधी गतिविधियों एवं आपराधिक कृत्य की वजह से के. विक्रम राव को अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया है. वर्किंग कमेटी के समस्त सदस्यों ने राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पाण्डे के निर्णय पर अपनी सहमति जताई है साथ ही उस निर्णय का स्वागत भी किया है. श्री तिवारी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि आगामी माह में राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पाण्डेय की अनुमति से नेशनल काउंसिल की बैठक आगरा या वाराणसी में आयोजित कर नए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा. आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के संविधान की धारा 63 के तहत किसी भी व्यक्ति के विरूद्ध आर्थिक आपराधिक एवं संघ विरोधी कृत्य किए जाने पर कार्यवाही का अधिकार वर्किंग कमेटी को है. श्री तिवारी ने यह भी कहा है कि विक्रम राव द्वारा यदि अध्यक्ष के रूप में कोई पत्र व्यवहार किया जाता है तो यह अमान्य माना जाएगा और संगठन उन पर वैधानिक कार्यवाही करेगा.