गिरीश पंत ने की उत्तराखंड के पत्रकारों की संपत्ति जांच की मांग
देहरादून नगर निगम में जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड के द्विवार्षिक सम्मेलन में संघटन महामंत्री गिरीश पंत ने अपनी मागो को लेकर राज्य सरकार को दिए गए एक पत्र में उत्तराखंड में पत्रकारों की संपत्ति जाँच की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से कई पत्रकारों ने अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली है. राज्य में जब ऐसे पत्रकारों का हुजूम बढ़ने लगा है जो दलाली से लेकर कई तरह के गोरखधंधों में अपनी पत्रकारिता को नीलाम कर देते हैं और नोटों की चमक के आगे अपना जमीर बेच देते हैं.
ऐसे लोगों से राज्य में किसी तरह की ईमानदारी का भरोसा नहीं किया जा सकता है. उत्तराखंड के देहरादून में कई ऐसे पत्रकारों ने अपनी बेनामी सम्पत्ति से लेकर नामी संपत्ति अर्जित कर ली है जिनके महीने का वेतन इतना नहीं होता जितनी संपत्ति अर्जित की गयी है. सवाल उठ रहा है कि आखिर ये दौलत कहां से आ गयी. मांग की गयी कि राज्य सरकार अगर पत्रकारों की सम्पत्ति जाँच की आवाज़ को सुनती है तो कई ऐसे पत्रकारों की अकूत संपत्ति सामने आ सकती है जो थोड़े से कम समय में करोड़ो के मालिक बन गए हैं.
स्टिंग करने वाला एक निजी टीवी न्यूज़ चैनल का स्टिंगर भी देहरादून में करोड़ों का मालिक बन गया है. इसका महीने का वेतन सिर्फ पांच से दस हज़ार होता था. वो आखिर कैसे करोड़ों की धन सम्पदा का मालिक बन गया. इसको कुछ समय पहले एक शिकायत पर न्यूज़ चैनल से हटाया गया था और न्यूज़ चैनल की जाँच में लगाए गए आरोप सही साबित हुए थे. ये भी जाँच का विषय राज्य सरकार के लिए हो सकता है.
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उत्तराखंड के 60 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकारों को मिलेगा हर माह 5 हजार रुपये पेंशन