कृष्ण कल्पित-
सेवा में,
शोभना भरतिया
अध्यक्ष
के के बिरला फॉउंडेशन
Caxton house
Mejanine floor
2E, Jhandewalan extension
New Delhi 110055
विषय : बिहारी पुरस्कार के बारे में
महोदया,
के के बिरला फॉउंडेशन द्वारा हर वर्ष राजस्थान के लेखकों को बिहारी पुरस्कार दिया जाता है । मैंने आज तक इस पुरस्कार के लिए न आवेदन किया न कभी कोई पुस्तक भेजी । लेकिन पता चला है कि पिछले दो-तीन वर्षों से ज्यूरी की बैठक में मेरे नाम की चर्चा की जाती रही है और ज्यूरी और इसके अध्यक्ष द्वारा मेरे बारे में अवांछित टिप्पणियाँ की जाती रही हैं । इसमें ज्यूरी के निवर्तमान अध्यक्ष नंद भारद्वाज और वर्तमान अध्यक्ष ओम थानवी शामिल थे । ऐसी टिप्पणियां करने को आपकी ज्यूरी को कोई हक़ नहीं है । ऐसे में तो बिल्कुल नहीं जब मैं इस पुरस्कार के लिए आतुर नहीं ।
बिहारी पुरस्कार के लिए फॉउंडेशन का नियम है कि या तो लेखक राजस्थान में पैदा हुआ हो या दस वर्ष तक राजस्थान में रहा हो । लेकिन गिरधर राठी और अलका सरावगी इस अर्हता पर खरे नहीं उतरते इसके बावजूद नन्दकिशोर आचार्य ने अध्यक्ष रहते हुए ये पुरस्कार दिलवाए । इस पर मुझे कुछ नहीं कहना । आपका फॉउंडेशन है आपके नियम हैं, आप जानें । और भी कैसे कैसे अयोग्य लोगों को यह पुरस्कार दिए गए हैं, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता ।
अब बिहारी पुरस्कार की ज्यूरी का अध्यक्ष एक पत्रकार ओम थानवी को बनाया गया है जिसका कोई साहित्यिक योगदान नहीं है । इसके बारे में भी मुझे कुछ नहीं कहना । आपका फॉउंडेशन है आप काले चोर को बनाएं ।
मेरा यह कहना है कि भविष्य में बिहारी पुरस्कार के लिए मेरे नाम पर विचार न किया जाए । मुझे गौ-ग्रास का कोई लालच नहीं है । और आप अपनी ज्यूरी और अध्यक्ष को ताक़ीद करें कि मेरे बारे में बैठक में कोई टिप्पणी न करें । भविष्य में ज्यूरी की बैठक में मेरे बारे में कोई भी अवांछित टिप्पणी की गई तो उसकी जिम्मेदारी के के बिड़ला फॉउंडेशन की होगी । मेरे साहित्य पर कोई भी अपने विचार व्यक्त करने को स्वतंत्र है लेकिन इस पुरस्कार से मुझे बाहर समझा जाए ।
शुभकामनाओं के साथ ।
आपका
कृष्ण कल्पित
जयपुर : 9 मार्च 2021