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श्रमायुक्त ने लिखित रूप से माना- सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखा रहे ८४ अखबार

न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक नहीं लागू किया है जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश.. आरटीआई से हुआ खुलासा… 

मुंबई : माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के ८४ अखबार मालिकों ने अब तक जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे द्वारा डिप्टी डायरेक्टर जनरल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को १६ दिसंबर २०१७ को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

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न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक नहीं लागू किया है जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश.. आरटीआई से हुआ खुलासा… 

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मुंबई : माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के ८४ अखबार मालिकों ने अब तक जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे द्वारा डिप्टी डायरेक्टर जनरल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को १६ दिसंबर २०१७ को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

इन ८४ अखबारों में ६१ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होने अपने यहां जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू नहीं किया है जबकि २३ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होंने आंशिक रूप से अपने यहां मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू किया है। यह रिपोर्ट जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच की मजीठिया वेज बोर्ड की क्रियान्यवयन रिपोर्ट पर आधारित है।

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इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच महाराष्ट्र में टोटल २७३० समाचार पत्रों का प्रकाशन किया गया है जिसमें २६०१ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें एक या दो लोग काम करते हैं जबकि १२९ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें दो से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इन १२९ समाचार पत्रों में ४५ समाचार पत्र ऐसे हैं जिन्होंने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दी है जबकि २३ समाचार पत्रों ने सिफारिश आंशिक रूप से लागू किया है।

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६१ समाचार पत्र मालिकों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया। इस जानकारी में बताया गया है कि इन समाचार पत्रों के १४८ कर्मचारियों ने केस उनके कार्यालय में फाइल किया था जिनमें से ९१ मामलों का निस्तारण कर दिया गया है जबकि ५७ शिकायतों पर कार्रवाई प्रगति पर है।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
९३२२४११३३५

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