कोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर हिन्दुस्तान टाईम्स से वसूली किए जाने पर लगी रोक हटायी

टर्मिनेट कर्मचारी पुरुषोत्तम सिंह के मामले में शोभना भरतिया को लगा तगड़ा झटका, एडवोकेट उमेश शर्मा ने लगातार दो दिन की थी जोरदार बहस….  जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में हिन्दुस्तान टाईम्स की मालकिन शोभना भरतिया को एक बार फिर मंगलवार १९ /२/२०१८ को दिल्ली उच्च न्यायलय में मुंह की खानी पड़ी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मजीठिया वेज बोर्ड मामले से जुड़े वसूली मामले में लगायी गयी रोक को हटा लिया। इससे हिन्दुस्तान प्रबंधन से मजीठिया वेज बोर्ड मामले में लगाये गये १७ (१) के मामले में वसूली का रास्ता साफ हो गया है।

भास्कर के दो प्रतिनिधियों ने अपने ही प्रिंसिपल करेस्पांडेंट को डराया-धमकाया

डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में मजीठिया वेज बोर्ड मामले को लेकर हताशा साफ देखी जा सकती है। यह वह मीडिया समूह है, जो हिंदी में ‘दैनिक भास्कर’ सहित गुजराती में ‘दिव्य भास्कर’ और मराठी में ‘दिव्य मराठी’ नामक अखबारों का प्रकाशन करता है।  पता चला है कि मुंबई स्थित बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में ‘दैनिक भास्कर’ के दो प्रतिनिधियों द्वारा अपने ही संस्थान के एक प्रिंसिपल संवाददाता को डराने-धमकाने का बेहूदा प्रयास किया गया। इसके उपरांत कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रताड़ित करने के वास्ते संवाददाता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। कहते हैं न, जबरा मारे और रोवे भी न दे। प्रिंसिपल संवाददाता ने कंपनी के इन प्रतिनिधियों की हरकत के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है।

श्रमायुक्त ने लिखित रूप से माना- सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखा रहे ८४ अखबार

न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक नहीं लागू किया है जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश.. आरटीआई से हुआ खुलासा… 

मुंबई : माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के ८४ अखबार मालिकों ने अब तक जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे द्वारा डिप्टी डायरेक्टर जनरल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को १६ दिसंबर २०१७ को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक भास्कर के खिलाफ एक और आरसी जारी

मुंबई से खबर आ रही है कि यहां दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे का रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) जारी किया गया है। इस आरसी को मुंबई (उपनगर) के कलेक्टर को भेज कर आदेश दिया गया है कि वह आवेदक के पक्ष में कंपनी से भू-राजस्व की भांति वसूली करें और आवेदक अस्बर्ट गोंजाल्विस को यह धनराशि प्रदान कराएं। आपको बता दें कि इस मामले में अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अपने एडवोकेट एस. पी. पांडे के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में कैविएट भी लगवा दी है।