Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

मजीठिया : समझौतों को फरवरी 2014 के फैसले में खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। माननीय उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को होने वाली अवमानना की अंतिम सुनवाई को लेकर कर्मचारी बेहद ही बेस्रबी से इंतजार कर रहे हैं, तो वही 20जे को लेकर भी उनके मन में कहीं न कहीं डर बैठा हुआ है। कर्मचारियों को इससे डरने की जरूरत नहीं हैं। अखबार प्रबंधन 20जे की गलत तरीके से व्याख्या करता आ रहा है, लेकिन माननीय कोर्ट को सब पता है। कुछ प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदुओं को देखने के बाद शायद 20जे का डर आपके मन से निकल जाए।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>नई दिल्ली। माननीय उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को होने वाली अवमानना की अंतिम सुनवाई को लेकर कर्मचारी बेहद ही बेस्रबी से इंतजार कर रहे हैं, तो वही 20जे को लेकर भी उनके मन में कहीं न कहीं डर बैठा हुआ है। कर्मचारियों को इससे डरने की जरूरत नहीं हैं। अखबार प्रबंधन 20जे की गलत तरीके से व्याख्या करता आ रहा है, लेकिन माननीय कोर्ट को सब पता है। कुछ प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदुओं को देखने के बाद शायद 20जे का डर आपके मन से निकल जाए।</p>

नई दिल्ली। माननीय उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को होने वाली अवमानना की अंतिम सुनवाई को लेकर कर्मचारी बेहद ही बेस्रबी से इंतजार कर रहे हैं, तो वही 20जे को लेकर भी उनके मन में कहीं न कहीं डर बैठा हुआ है। कर्मचारियों को इससे डरने की जरूरत नहीं हैं। अखबार प्रबंधन 20जे की गलत तरीके से व्याख्या करता आ रहा है, लेकिन माननीय कोर्ट को सब पता है। कुछ प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदुओं को देखने के बाद शायद 20जे का डर आपके मन से निकल जाए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

1. मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 के अनुसार बनी हैं। एक्ट की धारा13 बताती है कि केंद्र सरकार द्वारा वेजबोर्ड को लेकर जारी आदेश के बाद कोई भी संस्थान कर्मचारी को सिफारिशों में दर्शाई गई मजदूरी से किसी भी दशा में कम वेतन नहीं दे सकता। यहां ध्यान देने वाली बात है कि जब कानून कहता है कि मजदूरी आदेश में दर्शाई गई मजदूरी से किसी भी दशा में कम नहीं हो सकती, तो अखबार मालिक किस तरह कानून को धत्ता बता 20जे की गलत व्याख्या कर रहे हैं।

2. वहीं, 20जे आखिर किनने के लिए है यह धारा 16 स्‍पष्‍ट करती है कि यदि आप किसी भी वेजबोर्ड में निर्धारित न्‍यूनतम वेतनमान से ज्‍यादा वेतन प्राप्‍त कर रहे हैं तो यह आपके उस ज्‍यादा वेतन को प्राप्‍त करने के अधिकार की रक्षा करता है। यानि कोई भी करार आपको ज्‍यादा से ज्‍यादा फायदा देने के लिए हो सकता हैए नाकि आपको न्‍यूनतम वेतनमान से वंचित करने के लिए।। अब आप स्वयं जान सकते हैं कि 20जे क्या है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

3. अब एक मत्वपूर्ण बात अखबार मालिकों ने कर्मचारियों के हित के लिए बनने वाले वेजबोर्डों को ही जड़ से समाप्त करने के लिए रिट पीटिशन सिविल संख्या 246-2011 लगाई थी। इस याचिका में अखबार मालिकों ने वेजबोर्ड को समाप्त करने के लिए एक से एक तर्क रखे थे।

माननीय उच्चतम न्यायालय के 7 फरवरी 2014 के आदेश में इन तर्कों का उल्ल्लेख पैरा 13 में है। इसमें चार बिंदुओं पर रोशनी डाली गई है। जिसमें से पैरा13 बी के अनुसार अखबार मालिकों ने माननीय उच्चतम न्यायालय को ये बताया था कि हमारा बड़ी संख्या में पत्रकारों से द्विपक्षीय समझौता व बातचीत हो गई है और हम कर्मचारियों को वेज सैलरी व क्षतिपूर्ति पैकेज प्रदान कर रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

SC order 7 Feb 2014 page No. 13 and para 13 (b):- (b) Through bilateral negotiations and discussions, the petitioners have entered into contracts with a vast majority of journalists and offered them wages, salaries and compensation package to retain top class talent.

7 फरवरी 2014 को माननीय उच्चतम न्यायालय ने अखबार मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका खारिज होते ही सुप्रीम कोर्ट में दायर अखबार मालिकों के वेजबोर्ड खारिज करने के तर्क भी खारिज हो गए। जिसमें पैरा 13बी जोकि कर्मचारी से समझौते को लेकर था वह भी शामिल है। अब इसमें दो राय नहीं है कि माननीय सर्वोच्च न्यायलय मंगलवार को सिर्फ अवमानना की ही सुनवाई करेगी और कोई तर्क माननीय अदालत के लिए मायने नहीं रखता।

Advertisement. Scroll to continue reading.

महेश कुमार
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement