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महाराष्ट्र

राज्यपाल कोश्यारी सरकारी चार्टर्ड प्लेन में बैठे रह गए, पायलट ने उड़ाने से कर दिया इनकार

मुंबई। आखिर राज्यपाल को सरकारी चार्टर्ड प्लेन में अकेले ही क्यों सफर करना चाहिए. वे सामान्य नागरिक की तरह निजी विमान में आम यात्री की तरह सफर क्यों नहीं कर सकते. ये सब बातें चर्चाएं बहसें तब शुरू हुईं जब महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी सरकारी जहाज में बैठे रह गए लेकिन अनुमति न मिलने से पायलट ने जहाज उड़ाने से इनकार कर दिया.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल का कहना है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को राज्य सरकार के विमान से उडान भरने की इजाज़त न देने को महाराष्ट्र बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार के छोटे मन की छोटी सोच और संकुचित मानसिकता सहित राज्यपाल पद का अपमान है. महाराष्ट्र सरकार बदले की भावना से राजनीति कर रही है, जिसे प्रदेश की जनता समझ रही है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को 11 फरवरी को सरकारी चार्टर्ड प्लेन से देहरादून के लिए रवाना होना था। राज्यपाल कोश्यारी जब मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचे और लगभग 20 मिनट तक अपने सरकारी चार्टेड प्लेन में ही बैठे रहे, लेकिन विमान नहीं उड़ा, तो उन्होंने पायलट से उड़ान नहीं भर पाने का कारण पूछा। पायलट ने राज्यपाल को बताया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें अभी तक उड़ान भरने की परमिशन नहीं मिली है।

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राज्यपाल शुक्रवार (12 फरवरी) को मसूरी में होनेवाले लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी के वार्षिक समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई स्थित राजभवन से निकले थे। एयरपोर्ट से कई बार संपर्क के बावजूद आखिरकार जब राज्यपाल को सरकारी विमान से उड़ान की इजाज़त नहीं मिली, तो बाद में उन्हें प्राइवेट एयरलाइंस की नियमित कमर्शियल उड़ान से देहरादून जाना पड़ा। ताज़ा घटना से साफ है कि राज्यपाल और उद्धव ठाकरे की सरकार के बीच चल रही खींचतान अब अपमान के स्तर पर पहुंच गई है।

हालांकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चार्टेड प्लेन से देहरादून यात्रा को लेकर राजभवन से एक सफ्ताह पहले ही राज्य सरकार को सूचित कर दिया गया था। इस यात्रा की पूरी जानकारी मेल के जरिये भेजी गई थी। एक सामान्य प्रक्रिया के तहत सरकार की तरफ से इस प्रकार की यात्राओं को तत्काल स्वीकृति दे दी जाती है, एवं विशेष परिस्थितियों में कभी कभी यात्रा पूरी होने के बाद भी सामान्यतया अधिकृत कर दिया जाता है। लेकिन उड़ान के लिए रवाना होने और राज्यपाल के सरकारी विमान में बैठ जाने के बावजूद पायलट को उड़ान भरने से रोके जाने की वजह से इसे राज्यपाल पद का अपमान माना जा रहा है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने उद्धव ठाकरे की सरकार को छोटे मन और छोटी मानसिकता वाली सरकार बताते हुए सरकार पर कड़े प्रहार किए हैं।

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