नए शुरू हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पेबल डॉट इन से विसंगतियों की खबर आनी शुरू हो गई है। इस प्लेटफॉर्म का दूसरा पोर्टल अभी कुछ एक सालों के भीतर बना है। नाम है ‘लोकल हेडिंग’ डॉट कॉम। ‘लोकल हेडिंग’ ने कई शहरों में विस्तार करते हुए कानपुर में भी सिटी इंचार्ज, डेस्क इंचार्ज और रिपोर्टरों की टीम गठित करवाई थी। रिपोर्टिंग के लिए ऑफिस, सिस्टम, इंटरनेट इत्यादि का खर्चा देने का वचन कानपुर टीम को दिया था।
कानपुर लोकल हेडिंग टीम के कानपुर इंचार्ज चंद्र गौरव हैं। ये कहते हैं- इस कम्पनी ने शुरू से ही उन्हें हर चीज ‘देंगे-देंगे’ करते हुए आखिर में सिवाय ‘ठेंगे’ के, कुछ न दिया। लोकल हेडिंग और पेबल के इंचार्ज अनिल कुमार व गौरी ने उनसे किये कोई भी वादे पूरे नहीं किये।
चंद्र गौरव कहते हैं कि वो खुद की जेब से अब तक ऑफिस, इंटरनेट, चाय पानी इत्यादि की सुविधा मुहैया करवाते रहे। रिपोर्टरों तक को एक पाई की सैलरी नहीं मिली। हमारे पास जो लेटर आया है कि सेलरी देने का क्या क्राइटेरिया है, उसमें हमे मिल रही सेलरी तक में फर्क है।
इस कागज़ के अनुसार रिपोर्टरों को सेलरी मिल रही है जबकि सच्चाई है कि यहां सेलरी भेजी नहीं जा रही है। चंद्र गौरव कहते है कि वो इसके खिलाफ अब लेबर कोर्ट में जाने की सोच रहे हैं।
लोकल हेडिंग की कानपुर टीम में चंद्र गौरव के अलावा ब्रजेश, शुभम सहित लगभग 25 की संख्या में स्टॉफ हो गया था। इसके अलावा तीन ट्रेनी रख लिए गए। बताया जाता है कि पेबल की इस लोकल हेडिंग में दूसरे मीडिया समूहों से जुड़े कुछ इनवेस्टर भी शामिल हैं। लोकल हेडिंग के नाम पर कई किस्म के गड़बड़झाले को देखते हुए कानपुर टीम ने इस्तीफा देकर अपना काम बंद कर दिया।
कानपुर से कुमार एमडी की रिपोर्ट.