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मजीठिया केस जीतने वाले बेरोजगार पत्रकार महेन्द्र सेंगर को मिलेंगे 313156 रुपए!

प्रमोद दाभाड़े-

बेरोजगारी और आर्थिक रूप से परेशान पत्रकार महेन्द्र सेंगर ने मजीठिया के केस में विजयश्री प्राप्त कर ली है। अब वे लखपति की श्रेणी में आने वाले हैं, क्योंकि मजीठिया के बकाया वेतन की राशि के रूप में उन्हें 313156 रुपए मिलेंगे।

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वरिष्ठ अभिभाषक वाडिया व नई दुनिया के मजीठिया क्रांतिकारी धर्मेन्द्र हाडा ने बताया कि नई दुनिया इंदौर में जूनियर सब एडिटर के पद पर 2012 तक पदस्थ रहे महेन्द्र सिंह सेंगर ने मजीठिया बकाया वेतनमान के लिए कोर्ट की शरण ली थी, जिस पर इंदौर श्रम न्यायालय के न्यायाधीश ने 23 जुलाई को अवार्ड पारित कर श्री सेंगर को बकाया वेतन अंतर एवं अन्य लाभ 11-11-2011 से अक्टूबर 2012 तक का 286,756 एवं अंतरिम राहत राशि जनवरी 2010 से अक्टूबर 2011 तक का रुपए 26400 के साथ ही वाद व्यय 3000 रुपए देने का निर्णय सुनाया है। ये अवॉर्ड की संपूर्ण राशि एक माह में श्री महेन्द्र सिंह सेंगर को देने के आदेश कार्ट ने दिया है।

आपको बता दें कि महेन्द्र सेंगर मजीठिया वेतन मान का बकाया वेतन पाने के लिए केस लगाने के पक्ष में नहीं थे। उन्हें मेरे द्वारा बार-बार समझाया गया, लेकिन वे मानते नहीं थे। उनका कहना था मात्र 2-3 साल का मजीठिया बकाया क्या मिलेगा। जब उन्हें समझाया गया कि 1-2 लाख रुपए मिल सकता है तो बड़ी मुश्किल से माने और उसके बाद उन्हें वाडियाजी से मिलवाकर मजीठिया का केस दायर किया गया।

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इसके बाद भी सेंगर तारीख पर जाने में आना-कानी करते थे, क्योंकि नौकरी छूटने के बाद वे आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके थे। उन्हें समझाया गया कि आप को जब पैसा मिलेगा तभी वरिष्ठ अभिभाषक वाडियाजी को पैसा देना आप केस तो पूरी जी-जान से लड़ो। उसके बाद सेंगरजी ने बयान दिए और क्रास भी किया और आज नतीजा यह रहा कि सेंगर लखपति बनने की डगर पर खड़े हैं।

सेंगरजी नौकरी नहीं होने से बेरोजगारी में जीवन यापन कर रहे थे और मानसिक रूप से टूट चुके थे। उनकी आर्थिक दशा को लेकर इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविन्द तिवारीजी से भी चर्चा की गई थी। इसके बाद उन्होंने उन्हें आर्थिक रूप से मदद और राशन किट उपलब्ध कराई थी। इतना ही नहीं वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणाजी और अंकुर जायसवालजी व प्रवीण खारीवाल जी से भी उन्हें राशन की मदद दिलाई थी।

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अतः साथियों मजीठिया मामले में केस लगाकर अपना अधिकार प्राप्त होने से पीछे ना हटें योंकि मजीठिया का पैसा मिलना है और इसे लेने से हमें कोई रोक नहीं सकता। अब सेंगरजी के केस में आरआरसी जारी करने की कार्रवाई एक माह बाद की जाएगी। अवार्ड की कापी धर्मेन्द्र हाडाजी शीघ्र उपलब्ध कराएंगे जो आपके सामने होगी।

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