केजरीवाल सरकार को मज़दूरों से किये वादों की याद दिलाने दिल्ली सचिवालय पहुंचे दिल्ली के मज़दूरों पर दिल्ली पुलिस ने बुरी तरह लाठीचार्ज किया, बुरी तरह आंसू गैस के गोले छोड़े और दौड़ा-दौड़ाकर मज़दूरों, महिलाओं को पीटा। बहुत से लोगों को काफी चोटें आई हैं, कइयों के सिर फूट गये हैं। शांति पूर्वक अपनी बात को मुख्य मंत्री तक ले जाने के इरादे से आये दिल्ली भर के मजदूरों और आम मेहनतकश जनता को वहशी तरीके से पीटा गया।
पुलिस के पुरुष कर्मियों ने महिलाओं को बुरी तरह पीटा जिसके कारण अनेक महिलाओं को गंभीर चोटें आई। एक युवा महिला कार्यकर्ता की टांग टूट गयी और बहुत से लोगों के सर फूट गए। इतने पर भी दिल्ली पुलिस को चैन नहीं आया। रैपिड एक्शन फोर्स और दिल्ली पुलिस ने मिलकर मजदूरों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। आंसू गैस के गोले बरसाए गए। प्रदर्शन में महिलाये व बच्चे भी शामिल थे मगर पुलिस ने उन्हें भी नहीं बक्शा।
पुलिस मजदूरों को दौड़ाकर पीटते हुए राजघाट से किसान घाट की तरफ ले गयी। इस बर्बर पुलिस कार्यवाही से साबित हो गया की सरकार किन के हितों की सुरक्षा के लिए है। केजरीवाल जो खुद को आम आदमी कहते हैं वह क्यों इस बर्बर पुलिसियां दमन पर चुप्पी साधे बैठे हैं। गरीब मेहनतकश आबादी अपनी बात लेकर मंत्री तक पहुँचना चाहती है तो उसका यह हाल किया जाता है। प्रदर्शन में शामिल बहुत सारे मज़दूरों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।