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मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई से जुड़ी तीन जरूरी जानकारियां, प्रिंट मीडिया का हर कर्मचारी इसे पढ़े और दूसरों को पढ़ाए

पहली जानकारी ये कि सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड प्रकरण की अगली सुनवाई की तारीख तय हो चुकी है. इसी महीने यानि मार्च की चौदह तारीख को सुनवाई की जाएगी. यह जानकारी भड़ास4मीडिया की तरफ से सैकड़ों अवमानना केस दायर करने वाले एडवोकेट उमेश शर्मा ने दी.

<p>पहली जानकारी ये कि सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड प्रकरण की अगली सुनवाई की तारीख तय हो चुकी है. इसी महीने यानि मार्च की चौदह तारीख को सुनवाई की जाएगी. यह जानकारी भड़ास4मीडिया की तरफ से सैकड़ों अवमानना केस दायर करने वाले एडवोकेट उमेश शर्मा ने दी.</p>

पहली जानकारी ये कि सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड प्रकरण की अगली सुनवाई की तारीख तय हो चुकी है. इसी महीने यानि मार्च की चौदह तारीख को सुनवाई की जाएगी. यह जानकारी भड़ास4मीडिया की तरफ से सैकड़ों अवमानना केस दायर करने वाले एडवोकेट उमेश शर्मा ने दी.

दूसरी जानकारी भी उमेश शर्मा जी ने दी. वह यह कि जो भी मीडिया कर्मचारी अभी उच्चतम न्यायालय में खुले रूप से अथवा गुप्त रूप से अपने याचिका लगाना चाहते हैं, वो अभी भी तुरंत रूप से संपर्क कर सकते हैं. अखबार प्रबंधन से अपना हक लेने के लिए चल रही न्यायिक लड़ाई में सहभागी बनने हेतु सम्पर्क सूत्र 011-2335 5388 पर दिन के आफिस आवर में कॉल कर सकते हैं या फिर मेल आईडी [email protected] पर मेल कर सकते हैं.

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तीसरी सूचना ये है कि नई दिल्ली परिक्षेत्र के उस दबंग लेबर इंस्पेक्टर मनीष ठाकुर का तबादला कर लेबर मुख्यालय अटैच कर दिया गया है जिसने हिंदुस्तान टाइम्स, एचएमवीएल, जागरण, सहारा समेत दर्जनों मीडिया हाउसों के खिलाफ मजीठिया न देने पर आफिस सर्वे के बाद कोर्ट में अपने हस्ताक्षरों से केस फाइल किया था.

चर्चा है कि केजरीवाल सरकार और मीडिया घरानों के बीच कोई गुपचुप सांठगांठ हो रही है जिससे केजरीवाल सरकार के मीडिया घरानों के प्रति सख्त रुख धीरे धीरे लचीला होता जा रहा है.

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कोर्ट में केस किए जाने के बाद एचटी ग्रुप घबराया हुआ हाईकोर्ट चला गया क्योंकि शोभना भरतिया समेत सभी निदेशकों को लेबर इंस्पेक्टर मनीष ठाकुर ने पार्टी बना दिया था, ताकि इन्हें इनके अपराधों की सजा मिल सके. हाईकोर्ट ने सिर्फ इतनी राहत दी कि निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने की छूट दे दी गई. बाकी दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभियोग का सामना इन मीडिया हाउसों को करना होगा.

ये फैसला देने वाले जज का भी तबादला कर दिए जाने की चर्चा है. इस बारे में विस्तार से खबर जल्द ही भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित की जाएगी.

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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट.

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0 Comments

  1. sanjib

    March 4, 2016 at 8:02 pm

    To Kya, ye media malik SC ke Judge Ranjan Gogoi sab ka bhi Tabadla kerwa sakte hain….?
    Ab to SC ka hi Sahara hai.. Ye Kejriwal sala to ek no. Luchcha aur Lafanga hai…

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