मरीज के इलाज में वाराणसी का मैक्सवेल हास्पिटल दोषी करार

Share the news

वाराणसी : अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की जांच में पता चला है कि बक्सर निवासी मरीज ओंकारनाथ तिवारी के इलाज में मैक्सवेल अस्पताल के डॉक्टर ने लापरवाही बरती थी। इसकी शिकायत सोशल फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष ने चिकित्सा प्रशासन से गंभीर शिकायत की थी। उल्लेखनीय है मैक्सवेल के डॉक्टरों ने ज्यादा पैसे वसूलने के चक्कर में ओंकारनाथ का पैर काट दिया था।

ओंकारनाथ के बड़े भाई अमरनाथ तिवारी ने इलाज में लापरवाही के साक्ष्य चिकित्सा प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया था। जांच के दौरान मैक्सवेल के मालिक कृष्णानंद पांडेय, डॉ.एके उपाध्याय, डॉ.प्रशांत बरनवाल एवं डॉ.पियूष श्रीवास्तव के बयान दर्ज हुए थे। सर सुंदरलाल अस्पताल से भी इस सम्बंध में तथ्य प्राप्त किए गए थे। तीनो डाक्टरों ने 22 अप्रैल 2015 क ओंकारनाथ तिवारी के पैर का इलाज किया था। बाद उसे गंभीर हालत में पीएमसीएच पटना और बीएचयू रेफर किया गया था। डॉ.प्रशांत बरनवाल ने 22 अप्रैल को ओंकारनाथ का पैर काट दिया था। उसके बाद मरीज के परिजन असंतुष्ट होकर बीएचयू ले गए थे।

जांच के दौरान अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ.अमित रस्तोगी एवं रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.आरसी शुक्ला से वार्ता के बाद पता चला कि मरीज का समय से इलाज नहीं किया गया। मरीज की बड़ी धमनी में ऐसा डिफेक्ट नहीं था कि उसे गैग्रीन हो जाता और उसका पैर काट दिया जाता। मैक्सवेल के डॉक्टरों ने इलाज में गंभीर लापरवाही बरती है।

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *