पीएम मोदी का साक्षात्कार लेने वालों की श्रंखला में नया नाम आईटीवी नेटवर्क और संपादक राणा यशवंत का जुड़ा है. राणा यशवंत व दो अन्य पत्रकारों ने पीएम का इंटरव्यू करने के बाद एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि, “राणा यशवंत- प्रधानमंत्री का इंटरव्यू NetworkItv ने किया. कैमरा हमारा, लाइट हमारी, चिप हमारा और सवाल हमारे. सब साथ आए. यह कौन कहता है कि आपका कुछ नहीं होता? जब तक आपका निजी अनुभव नहीं हो, इस तरह का प्रोपगैंडा आपकी विश्वसनीयता ख़त्म करता है.”
राणा यशवंत के इस ट्वीट को रिपोस्ट कर वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा, “आपने चूँकि मेरे लिखे का काउंटर किया है इसलिए अब मेरा जवाब..मेरी जानकारी के मुताबिक़ पीएम आवास में हुए चार इंटरव्यू की रिकार्डिंग पीएमओ के सेट के ज़रिए ही हुई है. कैमरा भी उनका था. लाइट-साउंड भी उनका था. एडिटिंग भी उनकी थी. प्रोमो और टीज़र भी पीएमओ से ही आया था. सहूलियत के लिए चार चैनलों के नाम बता रहा हूँ. आजतक, न्यूज़ 18, टीवी 9 और नवभारत- टाइम्स नाऊ.
इन चारों के एंकर और एडिटर ख़ाली हाथ गए और इंटरव्यू के बाद ख़ाली हाथ आए. पीएमओ की तरफ़ से इन चारों चैनलों को एडिटेड टेप मिला. प्रोमो भी वहीं से आया. टीज़र भी एडिट होकर मिला. अगर इनमें से कोई चैनल या उसका संपादक कह दे कि मेरी बात ग़लत है तो साबित हो जाए तो मैं सार्वजनिक तौर पर माफ़ी माँग लूँगा. अगर बात ग़लत हो तो क़बूल करने में कोई हर्ज नहीं. मैंने पहले भी लिखा था कि पीएम आवास में होने वाले इंटरव्यू ‘सरकारी सेट अप’ में हुए हैं. अपनी बात पर क़ायम हूँ. आपने शायद पीएम आवास पर इंटरव्यू नहीं किया है. इसलिए पीएम आवास पर हुए इंटरव्यू के लिए आपको जानकारी भी नहीं होगी.”
इसमें कुछ अन्य कमेंट भी हैं. जिनमें से संजय कुमार नाम के यूजर ने राणा यशवंत के लिए लिखा है, “राणाजी। प्रधानमंत्री के इंटरव्यू में शामिल रहने के लिए बधाई। लेकिन “कैमरा हमारा, लाइट हमारी, चिप हमारा और सवाल हमारे” लिखने का मतलब समझ नहीं आया। ये तो सामान्य सी बात है। आपको ये अनोखा क्यों लगा? कोई शक था क्या? सवाल हमारे पर टिप्पणी इंटरव्यू देखने के बाद। तबतक फ़िंगर्स क्रॉस्ड।”
वहीं, प्रवीण कुमार ने सभी चैनल, जिनका अजीत अंजुम ने नाम लिया है, को टैग कर लिखा है..”अजीत अंजुम आप लोगों के ऊपर आरोप लगा रहे हैं कि आपका मोदी के साथ किया गया इंटरव्यू फर्जी था, मोदी के इंटरव्यू के लिए आपके पत्रकार खाली हाथ गए थे, पत्रकारों को कैमरा दिया गया और प्रधानमंत्री कार्यालय ने हो वीडियो का एडिटिंग किया है।
ये बहुत गंभीर आरोप है, आपको सच बताना चाहिए और अगर ये झूठ है तो आपको अजीत अंजुम पर एफआईआर करना चाहिए।”
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