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मोदी राज में सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन कार्यरत सैकड़ों मीडियाकर्मियों का जमकर किया जा रहा शोषण

सेवा में,

यशवंत सिंह
संपादक
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम

विषयः- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर के कर्मचारियों की दयनीय स्थिति से अवगत कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र

मान्यवर,

हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर में, अनुबंधित कर्मचारी है। गत कई वर्षों से हमारी स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है जिसकी ओर हम आपका ध्यान निम्न बिन्दुओं के माध्यम से आकर्षित कराना चाहते है। हमारे कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मियों को तीन माह के अनुबंध पर रखा जाता है जबकि अन्य समतुल्य मीडिया संस्थानों (दूरदर्शन, राज्यसभा टी.वी. लोकसभा टी.वी. पीआईबी, डीएवीपी, आकाशवाणी) में, सभी अनुबंधित कर्मियों को कम से कम एक वर्ष से दो वर्ष के अनुबंध पर रखा जाता है। इसी तीन माह के छद्म अनुबंध की आड़ में, नियोक्ता की ओर से मिलने वाली अधिकांश आधारभूत सुविधाओं से हमें दूर रखा जाता है। 

<p>सेवा में,</p> <p>यशवंत सिंह<br />संपादक<br />भड़ास4मीडिया डॉट कॉम</p> <p>विषयः- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर के कर्मचारियों की दयनीय स्थिति से अवगत कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र</p> <p>मान्यवर,</p> <p>हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर में, अनुबंधित कर्मचारी है। गत कई वर्षों से हमारी स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है जिसकी ओर हम आपका ध्यान निम्न बिन्दुओं के माध्यम से आकर्षित कराना चाहते है। हमारे कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मियों को तीन माह के अनुबंध पर रखा जाता है जबकि अन्य समतुल्य मीडिया संस्थानों (दूरदर्शन, राज्यसभा टी.वी. लोकसभा टी.वी. पीआईबी, डीएवीपी, आकाशवाणी) में, सभी अनुबंधित कर्मियों को कम से कम एक वर्ष से दो वर्ष के अनुबंध पर रखा जाता है। इसी तीन माह के छद्म अनुबंध की आड़ में, नियोक्ता की ओर से मिलने वाली अधिकांश आधारभूत सुविधाओं से हमें दूर रखा जाता है। </p>

सेवा में,

यशवंत सिंह
संपादक
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम

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विषयः- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर के कर्मचारियों की दयनीय स्थिति से अवगत कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र

मान्यवर,

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हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर में, अनुबंधित कर्मचारी है। गत कई वर्षों से हमारी स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है जिसकी ओर हम आपका ध्यान निम्न बिन्दुओं के माध्यम से आकर्षित कराना चाहते है। हमारे कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मियों को तीन माह के अनुबंध पर रखा जाता है जबकि अन्य समतुल्य मीडिया संस्थानों (दूरदर्शन, राज्यसभा टी.वी. लोकसभा टी.वी. पीआईबी, डीएवीपी, आकाशवाणी) में, सभी अनुबंधित कर्मियों को कम से कम एक वर्ष से दो वर्ष के अनुबंध पर रखा जाता है। इसी तीन माह के छद्म अनुबंध की आड़ में, नियोक्ता की ओर से मिलने वाली अधिकांश आधारभूत सुविधाओं से हमें दूर रखा जाता है। 

संस्थान में कार्यरत अधिकांश मॉनिटर पहले पेशेवर पत्रकार, मीडिया शोधार्थी और पत्रकारिता में परास्नातक छात्र रह चुके है। हमारा वेतन अन्य समतुल्य मीडिया संस्थानों (दूरदर्शन, राज्यसभा टी.वी. लोकसभा टी.वी. पीआईबी, डीएवीपी, आकाशवाणी) की तुलना में बेहद कम है। हमारे वेतन में आखिरी बार वृद्धि फरवरी 2014 में हुई थी। इस कारण हमें बहुत सी आर्थिक समस्यायों से रोज दो-चार होना पड़ता है। दैनिक मदों पर बढ़ती मंहगाई के कारण जीवनयापन करने में दिक्कत आती है। कार्यालय के अधिकांश कर्मी दिल्ली से बाहर के है। जिस कारण दैनिक मदों के साथ मकान का किराया भी देना पड़ता है। हम चाहकर भी साधारण जीवनशैली जीने में अक्षम है। संस्थान द्वारा प्रदत्त वेतन हमारी योग्यता कुशलता अनुभव और दक्षता की अपेक्षाकृत बेहद कम है।  

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कार्यालय के कर्मियों को बहुत सी स्वास्थ्य समस्यायों का सामना करना पड़ता है। कार्यालय से हमें किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा (Health Benefit) उपलब्ध नहीं है। संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सदैव तीन माह के अनुबंध का हवाला देते हुए, इस तरह की सुविधा देने से बचते है। जबकि वास्तविकता ये है कि, इस कार्यालय में बहुत से अनुबंधित कर्मी आठ वर्ष से अधिक पुराने है। कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य सुविधा ना देने के अभाव में, हमें तरह तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नियोक्ता बेसिल ने हमारे वेतनभोगी खाते का परिचालन करने वाले कॉर्पोरेशन बैंक (सी.जी.ओ. परिसर, लोधी रोड़) को स्षष्ट निर्देश दे रखे हैं जिस कारण हमें बैंकिग की आधारभूत सुविधायें (होम लोन, पसर्नल लोन, क्रेडिट कार्ड) आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है। इन सुविधाओं के अभाव में हमें काफी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। लोन सुविधा ना उपलब्ध हो पाने के कारण हम किसी भी प्रकार का ठोस कार्य करने में असमक्ष होते हैं।

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संस्थान में कार्यरत महिला कर्मियों को सवैतानिक मातृत्व अवकाश लाभ की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिस कारण वे इस लाभ से वंचित रह जाती है। आत्मनिर्भर प्रसूता महिलाओं को अपने बच्चों के लालन-पालन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है जबकि ये मानवीय आधार पर बहुत गलत है।

राजपत्रित अवकाश पर कार्य करने पर, हमें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भुगतान नहीं होता है जबकि अन्य समतुल्य मीडिया संस्थानों (दूरदर्शन, राज्यसभा टी.वी. लोकसभा टी.वी. पीआईबी, डीएवीपी, आकाशवाणी) में ये सुविधा उपलब्ध है। इस मुद्दें पर संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सदैव तीन माह के छद्म अनुबंध का हवाला देते हुए स्वयं को असक्षम बताते है।

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आशा है कि आप उपयुक्त समस्यायों का निराकरण शीघ्र ही करवायेगें।

आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में,

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समस्त अनुबंधित कर्मचारी

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेन्टर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (भारत सरकार)

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10 फ्लोर, सूचना भवन, सी.जी,ओ, कॉम्प्लेक्स

लोधी रोड, नई दिल्ली-110003

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