हर्ष देव-
आप ज़रूर हैरान होंगे यह जानकर कि विश्व गुरु दक्षिण अफ़्रीका में रूठ गए और विमान से उतरने से ही इनकार कर दिया।
कारण, शी जिनपिंग को लेने राष्ट्रपति रामफोसा खुद गए थे लेकिन साब जी को लेने एक मंत्री को भेज दिया।
रूठने की बात पता लगने पर चटपट उप राष्ट्रपति को भेजा गया। तब जाकर साब जी ने पृथ्वी पर पदार्पण किया।
देखें इस संबंध में दक्षिण अफ़्रीका की एक प्रमुख वेबसाइट में प्रकाशित खबर-
विश्व गुरु के झूला मित्र शी जिनपिंग जब दक्षिण अफ्रीका पहुंचे तो विमान तल पर उनकी अगवानी के लिए राष्ट्रपति रामफोसा स्वयं मौजूद थे, लेकिन विश्व गुरु को लेने एक अदने से मंत्री को भेज दिया। दक्षिण अफ्रीका की न्यूज वेबसाइट के मुताबिक इस अपमान से आहत साहेब जब विमान से उतरने को राजी नहीं हुए उनकी तसल्ली के लिए उप राष्ट्रपति को भेज दिया। राष्ट्रपति तब भी नहीं आए। अब बाॅस का डंका बजा या लंका लगी, यह अलग बात है लेकिन एक हिंदुस्तानी के नाते मैं दक्षिण अफ्रीका की घनघोर निंदा करता हूं। -रवींद्र श्रीवास्तव
इधर चंद्रयान उतरने की तैयारी में है उधर साऊथ अफ्रीका में मोदी जी रूठ कर प्लेन से उतरने को तैयार नहीं थे। वजह थी इलेवन जिनपिंग को रिसीव करने साऊथ अफ्रीका के राष्ट्रपति गये थे और मोदी जी को रिसीव करने एक मंत्री को भेज दिया था। -Arunesh C Dave
साउथ अफ़्रीका की प्रमुख न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को हवाई अड्डे पर रिसीव करने एक निचले स्तर का कैबिनेट मंत्री ही भेजा गया था। मोदीजी ने उसके समक्ष विमान से उतरने से इनकार कर दिया और जहाज़ में ही बैठे रहे। बाद में भारी मान मनौव्वल के बाद ही वे जहाज़ से उतरे। जबकि चीन के राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर अगवानी करने के लिए साउथ अफ़्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा स्वयं मौजूद थे। -शीतल पी सिंह
ये आज नवभारत टाईम्स ने छापा है. अब बताइए डंका बज रहा है कि ढोल ही फट गया है ? पिछले दिनों जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही थी तो प्रस्ताव के खिलाफ़ बोलने वाला एनडीए का हर सांसद अपने भाषण में बार बार यही दोहराता था कि मोदी जी का पूरे विश्व मे बहुत सम्मान हैं डंका बज रहा है… उनके कहे कि असल हकीकत क्या है ये आज पता चला है. -गिरीश मालवीय