उत्तराखंड के श्रम आयुक्त डा. आनंद श्रीवास्तव को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट से वारंट जारी हो जाने के बाद अब उत्तराखंड का श्रम विभाग कुंभकर्णी नींद से जागा है। श्रम आयुक्त द्वारा चूड़ी टाइट करने के बाद नियुक्त प्राधिकारी / सहायक श्रम आयुक्त देहरादून ने 16 जून 2016 को मेरे द्वारा प्रस्तुत दावे को स्वीकार करते हुए 29 अगस्त 2016 को एक नोटिस सहारा प्रबंधन को जारी किया। इस नोटिस के माध्यम से एडिटर इन चीफ मेसर्स सहारा न्यूज नेटवर्क, हेड ऐडमिनिशट्रेशन तथा प्रबंधक / यूनिट हेड सहारा इंडिया मास कम्यूनिकेशन देहरादून को 09-09-16 को हाजिर होने को कहा है।
बताते चलें कि मैंने 16 जून 16 को सीए से मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाये वेतन का दावा बनवाकर श्रम आयुक्त नैनीताल को भेजा था। इसकी प्रति स्थानीय कार्यालय को भी रिसीव करायी थी। श्रम आयुक्त ने आठ दिन बाद 24-06-16 को अपर/उप श्रम आयुक्त देहरादून को पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। श्रम विभाग देहरादून के अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश को कितने हल्केपन से लिया इसका अंदाजा उसके 16 अगस्त 16 को जारी पत्र से लगाया जा सकता है। लगभग डेढ़ माह बाद स्थानीय अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश/निर्देश को संज्ञान में लिया। अगर विभाग जरा सा सचेत होता तो सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश की किरकिरी न होती और न श्रम आयुक्त को अदालत से माफी न मागनी पड़ती।
मित्रों मुझे यह पत्र इसलिए लिखना पड़ रहा है कि पत्र में दिये गये दावा संख्या 01/2016 से जाहिर होता है कि मेरा दावा पहला है यानी अब तक किसी और ने देहरादून या गढ़वाल क्षेत्र से अपना क्लेम दाखिल नहीं किया है। पर अब भी वक्त है। अपना अपना क्लेम दाखिल कीजिए। क्लेम दाखिल करने वाले को प्राथमिकता के आधार पर उनका बकाया भुगतान दिया जाएगा।
अरुण श्रीवास्तव
वरिष्ठ पत्रकार
देहरादून
+918881544420
अरुण श्रीवास्तव
September 10, 2016 at 12:00 am
कल 9 नवंबर को पहली डेट पर राष्ट्रीय सहारा की तरफ से कोई नहीं आया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद सहायक श्रम आयुक्त ने 14 सितंबर की डेट तय की है। अब देखिए कोई आता है यख नही