बिहार के जिला बांका में हिन्दुस्तान अखबार के ब्यूरो प्रमुख सत्यप्रकाश के सरकारी कार्यालयों में घुसने पर रोक लगा दी गयी है। यही नहीं, आदेश यह भी दिया गया है कि अगर ब्यूरो चीफ किसी भी काम से सरकारी कार्यालयों में घुसें तो उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर लिया जाए। यह तुगलकी फरमान सुनाया है बांका के जिलाधिकारी ने। यह आदेश जिलाधिकारी ने लिखित रूप से सभी सरकारी विभाग को दिया है।
जिलाधिकारी का नाम है डाक्टर निलेश देवरे। इनके तुगलकी फरमान के खिलाफ पत्रकार सत्यप्रकाश ने अदालत की शरण ली है। सत्य प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने एक महादलित महिला की खबर छापी जो जिलाधिकारी कार्यालय से जुड़ी थी। खबर का शीर्षक था- ‘जिलाधिकारी कार्यालय में पीड़ा सुनाने पहुंची महिला धक्के खाकर लौटी’। खबर बांका संस्करण में छपा था। खबर में बताया गया कि किस तरह डीएम के आदेश पर एक महादलित वृद्धा को घसीटकर डीएम आफिस से बाहर किया गया। इस जनपक्षधर खबर के छपने के बाद डीएम को अपनी पोल खुलती दिखी। तब उन्होंने तुगलकी फरमान का सहारा लिया।
सत्य प्रकाश का कहना है कि जिलाधिकारी ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी है। उधर जिलाधिकारी ने जो पत्र सभी सरकारी विभागों में भेजा है उसमें लिखा है कि सत्य प्रकाश गलत समाचार की धमकी देकर उगाही करते हैं। सत्यप्रकाश पर जिलाधिकारी ने यह भी आरोप लगाया है कि बांका के कुत्ताडीह (कमलडीह) में एक विद्यालय के मध्यान्ह भोजन की गलत खबर छाप दिया था और विद्यालय के रसोइयें से पांच हजार रुपये की मांग करते हुये अंदर घुसने का प्रयास किया था। फिलहाल जिलाधिकारी के इस आदेश के बाद सवाल ये उठता है कि किसी को भी सरकारी कार्यालयों में घुसने से कैसे रोका जा सकता है।
ये है वो प्रार्थना पत्र जो पत्रकार ने कोर्ट में दायर किया है…
आवेदन संख्या…………..1952/2016
श्रीमान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
बांका
सत्यप्रकाश पिता श्री निवास भगत
साकिन व थाना-अमरपुर, जिला बांका
बनाम
डा. निलेश देवरे, जिलाधिकारी, बांका, थाना-बांका—–विपक्षी
आवेदन तरफ से आवेदक सत्यप्रकाश
महाशय,
यह है कि आवेदक सत्यप्रकाश सदा कानून का पालन करने वाला निष्पक्ष, निर्भिक, ईमानदार व्यक्ति तथा पत्रकार हैं। जबकि विपक्षी काफी बड़े आदमी, दबंग छवि के पदाधिकारी व अपने पद का दुरूपयोग करने वाला पदाधिकारी हैं।
यह है कि आवेदक बांका जिला मुख्यालय स्थित ”हिन्दुस्तान“ दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख हैं।
यह है कि आवेदक ने उक्त जिलाधिकारी व उनके जिला प्रशासन के गलत व भ्रष्ट्राचार कार्यशैली को उजागर करते हुए कई समाचार प्रकाशित किये हैं, जिससे नाराज होकर विपक्षी उक्त जिलाधिकारी काफी आक्रोशित हो गये।
यह है कि विपक्षी ने आक्रोश में अपने पद का दुरूपयोग कर आवदेक को विभिन्न प्रकार की धमकी दी है। उन्होंने अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को निर्देश दिये है कि आवेदक को किसी भी फर्जी मुकदमें आदि में फंसाकर जेल भेज दीजिए, मारपीट कर बेईज्जत व अपमानित कीजिये और तबाह व बर्बाद कर दीजिए।
यह है कि विपक्षी अपने प्रभाव का गलत उपयोग कर बांका जिला या पड़ोसी जिले के पुलिस अधिकारियों से किसी साजिश के तहत झूठे मुकदमे में फंसवा सकते हैं।
यह है कि विपक्षी ने आवेदक को कहा है कि अगर मेरे विरूद्ध इस पर का समाचार छापकर जिला प्रशासन के गलत छवि को उजागर करोगे तो जान मारवाकर फेंकवा देंगे।
यह है कि विपक्षी जिलाधिकारी ने अपने पत्रांक 2022 दिनांक 04/10/2016 के द्वारा एक गलत तथा असंवैद्यानिक आदेश पारित की काॅपी को सोशल साइट एवं वाट्सएप समाजिक प्रतिष्ठा घूमिल करने के उद्देश्य से वायरल करवा दिये।
आवेदक को जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में जाने से रोक लगा दिया है तथा अधीनस्थ पदाधिकारियों को आवदेक को देखने पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दे रखा है। जिलाधिकारी के गलत आदेश और विपक्षी जिला प्रशासन के विरूद्व प्रकाशित समाचार के कतरन को इस आवेदन के साथ संलग्न कर दिया है।
यह है कि आवेदक ने विपक्षी व उक्त जिलाधिकारी के विरूद्ध विभिन्न उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए कार्रवाई का आग्रह किया है।
यह है कि आवेदक विपक्षी के आचरण, व्यवहार, धमकी व आदेश से आतंकित, डरे व सहमे हुये है। आवेदक विपक्षी के व्यवहार से मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित हो रहे है। विपक्षी ने आवेदक को तबाह व बर्बाद करने की धमकी दी है।
यह है कि विपक्षी अपने दबंग व्यवहार व शक्ति से किसी भी समय आवेदक के विरूद्ध कोई अप्रिय घटना कर या करवा सकते है। जिसके आवेदक व आवेदक का परिवार तबाह व बर्बाद हो सकता है।
अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि इस इजलास में आवेदक का पंजीकृत रिकार्ड कर रखा जाय, जो वक्त जरूरत पर काम आएगा। इसके लिए आवेदक का सदा अभारी रहेंगे।
आपका विश्वासी
सत्यप्रकाश