Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

एनेस्‍थेसिया की सुई ने नर्वस सिस्‍टम को पंक्‍चर कर दिया, उपभोक्ता आयोग ने बनारस के अस्पताल पर 86 लाख रुपया का जुर्माना लगाया

लखनऊ : परिवादिनी श्रीमती दमयन्‍ती सिंह को हाइपोथायराइड की समस्‍या थी और फरवरी, 2014 में उनकी पीठ व पेट में दर्द होने के कारण उनका अल्‍ट्रासाउण्‍ड कराया गया जिससे यह मालूम पड़ा कि उन्हें गाल ब्‍लैडर में समस्‍या है। इस रिपोर्ट को देखने पर दिनांक 15-02-2014 को विपक्षी डॉ0 प्रमोद कुमार राय ने इनको अपने अस्‍पताल, ओपल हास्पिटल डी.एल.डब्‍ल्‍यू. रोड, वाराणसी में भर्ती किया।

यहॉं पर एनेस्‍थेटिस्‍ट डॉ0 अनीता राय अथवा डॉ0 स्‍मृता राय ने उनकी रीड़ की हड्डी में एनेस्‍थेसिया का इंजेक्‍शन लगाया जिससे उनके दाहिने पैर में बिजली का सा शॉक लगा और अत्‍यधिक पीड़ा हुई। बताने पर एनेस्‍थेटिस्‍ट डॉक्‍टर ने सुई वापस निकालकर दोबारा एनेस्‍थेसिया देने के लिए उनकी रीड़ की हड्डी में इंजेक्‍शन लगाया जिससे पुन: उसे पीड़ा हुई, जिस पर एनेस्‍थेटिस्‍ट डॉक्‍टर ने तीसरी बार अपने स्‍टाफ की सहायता से उसे पकड़कर एनेस्‍थेसिया उसके शरीर में प्रवेश कराया। इसके पश्‍चात् श्रीमती दमयन्‍ती सिंह का आपरेशन किया गया। उन्‍हें इस बारे में भयंकर पीड़ा हुई थी।

आपरेशन करने के पश्‍चात् होश आने पर श्रीमती दमयन्‍ती सिंह को अपने दाहिने पैर में कोई शक्ति नहीं मिली और वह चलने में दाहिने पैर को असमर्थ पा रही थीं। इसके पश्‍चात् उनका काफी समय तक इलाज चला लेकिन दाहिने पैर में विकलांगता कम नहीं हुई और उन्‍हें 60 प्रतिशत विकालांगता हुई। अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने के बाद उन्‍होंने जगह-जगह अपना इलाज कराया लेकिन उन्‍हें यह बताया गया कि एनेस्‍थेसिया की सुई ने उनके नर्वस सिस्‍टम को पंक्‍चर कर दिया है जिससे उनका दाहिना पैर बेकार हो गया। उन्‍होंने विपक्षीगण की लापरवाही के लिए राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ में एक परिवाद प्रस्‍तुत किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस मामले की सुनवाई प्रसाइडिंग जज श्री राजेन्‍द्र सिंह और उनके सहयोगी सदस्‍य श्री विकास सक्‍सेना ने की। मामले को विस्‍तृत रूप से देखने के पश्‍चात् यह पाया गया कि इस मामले में विपक्षीगण की लापरवाही प्रथम दृष्‍ट्या सिद्ध है जिनके द्वारा गलत तरह से एनेस्‍थेसिया का इंजेक्‍शन देने के कारण पीडि़त महिला श्रीमती दमयन्‍ती सिंह के दाहिने पैर में 60 प्रतिशत विकलांगता हो गई।

प्रसाइडिंग जज श्री राजेन्‍द्र सिंह ने निर्णय उदघोषित करते हुए विपक्षीगण को आदेश दिया कि वे इस निर्णय के दिनांक से 45 दिन के अन्‍दर पीडि़त को 86.00 लाख रू0 बतौर हर्जाना, मानसिक पीड़ा एवं विकलांगता आदि के मद में प्रदान करें और इस पर दिनांक 01-01-2019 से भुगतान के दिनांक तक 10 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी अदा करें। यदि 45 दिन के अन्‍दर इस आदेश का अनुपालन नहीं होता है तब ब्‍याज की दर 10 प्रतिशत के स्‍थान पर 15 प्रतिशत देय होगी। यदि निर्णय का अनुपालन 45 दिन में नहीं किया जाता है तब परिवादिनी न्‍यायालय के समक्ष विपक्षीगण के खर्चे पर निष्‍पादन वाद प्रस्‍तुत करे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement