वाराणसी। उप-क्षेत्रीय कार्यालय कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के सहायक भविष्यनिधि आयुक्त ने कर्मचारियों की शिकायत पर सुनवाई करते हुए जागरण प्रकाशन लि. को भविष्यनिधि के पैसे का भुगतान करने का आदेश दिया है। जागरण इलाहाबाद यूनिट के पूर्व कर्मचारी सुशील दुबे व अन्य ने शिकायत की थी कि जागरण द्वारा अनके कार्यभार ग्रहण करने के समय से ही उन्हे भविष्यनिधि सुविधा का लाभ नहीं दिया गया। कर्मचारियों की इस शिकायत पर ‘कर्मचारी भविष्यनिधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952’ की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए सहायक भविष्यनिधि आयुक्त ने जागरण प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए 28 मई, 2013 को नोटिस जारी किया था।
कार्यवाही के दौरान जागरण ने असहयोगी रवैया अपनाया और भविष्यनिधि सुविधा के लिए शिकायतकर्ताओं की पात्रता पर सवाल उठाया। लेकिन पात्रता के संबंध में सहायक भविष्यनिधि आयुक्त ने क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त के दिनांक 22.11.2013 के फैसले को सही माना जिसमें जागरणकर्मी सुशील कुमार, अरविन्द त्रिपाठी, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय और कृपा शंकर बाजपेयी को भविष्य निधि लाभों के लिए पात्र माना गया था।
जागरण प्रबंधन द्वारा सुनवाई पर रोक के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया गया। इस कारण मामला थोड़ा और लम्बा खिंचा लेकिन हाई कोर्ट से जागरण को कोई राहत नहीं मिली। 7 जुलाई, 2014 को हुई सुनवाई में जागरण की तरफ से सहायक भविष्यनिधि आयुक्त के समक्ष कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। अंततः सहायक भविष्यनिधि आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी की 18 जून, 2012 की रिपोर्ट के आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे कि सभी शिकायकर्ता कर्मचारी भविष्यनिधि लाभ पाने के अधिकारी हैं। 24 जुलाई, 2014 को सहायक भविष्यनिधि आयुक्त आदेश दिया कि जागरण सभी शिकायतकर्ता कर्मचारियों को भविष्यनिधि लाभ की रकम का शीघ्र भुगतान करे। इसके साथ ही सभी भुगतानों पर ब्याज और क्षतिपूर्ती भी देने का आदेश भी दिया गया है।
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