पंकज चतुर्वेदी-
पब जी के जरिये प्यार और नेपाल के रास्ते भारत आ कर एक बेहद गरीब मजदूर से विवाह वाला मसला मेरी निगाह में फर्जी है और इसे कतिपय ख़ुफ़िया एजेंसियां प्लांट कर रही हैं .
एक तो उस महिला के बोलने का ढंग कही से भी कराची वाला नहीं हैं. वीडियो को ध्यान से देखें तो साफ़ लगेगा कि कोई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरु भाषा में जन्मी महिला बोल रही है. कराची में ओरंगी हो या लालू खेत – जहां बड़े स्लम हैं या फिर वहां मुहाजिर ज्यादा रहते हैं– किसी के बोलने का लहजा ऐसा नहीं होता — यह महिला नहीं को ना बोलती है – हरियाणा- पश्चिम यूपी की तरह.
फिर बगैर पासपोर्ट वीजा के हिंदुस्तान में घुसना- वह भी पाकिस्तान से औ २४ घंटे में अदालत द्वारा जमानत दे देना– यह क़ानूनी रूप से लगभग असंभव है — यदि कोई पाकिस्तान से अवैध आया हो तो कई दिन तो आई बी नहीं छोडती — यह कोई अलग ही खेल है.
या तो कई असल मुद्दों से ध्यान बंटाने की कोशिश
या किसी फिल्म का प्रमोशन
या कोई लंबा खेल!
प्रमोद पाहवा- आपका विश्लेषण एकदम सही है क्योंकि भाषा के अतिरिक्त प्रत्येक क्षेत्र की एक संस्कृतिक पहचान होती है जो इस वीडियो मे अंशमात्र भी नही दिखती। निसंदेह ये इस महिला का जन्म आज़ादी के काफी बाद हुआ है तो ऐसा भी नहीं है कि ये मुहाजिर हो। कराची के बनारस चौक को निम्न आय वर्ग वाले मुहाजिरों का गढ़ समझा जाता है लेकिन वहाँ भी ऐसी भाषा और कपड़े पहनने का सलीका नहीं होता। उधर की महिलाएँ आदतन बार बार अपना दुपट्टा ठीक करती रहती है किन्तु इसमे ये महिला न ऐसा कर रही है और एक जगह उकडूँ बैठी है जिसे उधर असभ्यता समझा जाता है। सुषमा स्वराज के गीता कांड जैसा मीडिया इवेंट बनाने का प्रयत्न होगा।
विवेक शुक्ला- मुझे भी यह महिला पाकिस्तान की नहीं लग रही। कारण और भय जैसे शब्दों को कौन सी कराची की औरत बोलती है! मैंने आज एचटी के नोएडा रिपोर्टर से इस बिंदु पर बात भी की थी।
Raj Shekhar
July 9, 2023 at 8:01 pm
मामला बिल्कुल संदिग्ध है। महिला की भाषा में एक भी Urdu शब्द का इस्तेमाल नहीं। कैसे संभव है।