भिवानी (हरियाणा) : सुबह-सुबह चाय की प्याली के साथ सच दिखाते हैं हम, लेकिन खबर नहीं दिखाते। विधायक के खिलाफ खबर को ही हजम कर गया ब्यूरो चीफ। पत्रकारों व राजनीतिज्ञों का चोली दामन का साथ रहा है लेकिन अपने स्वार्थ के लिए पत्रकार राजनेताओं का यस मैन बन जाए और वहीं खबर प्रकाशित करें जोकि उसको सजती हो तो इसे क्या कहेंगे।
भिवानी में भी एक ऐसा मामला देखने को मिला जब पंजाब केसरी अखबार ने एक ऐसी खबर की एक लाईन भी छापना उचित नहीं समझा जोकि उससे ज्यादा प्रसार संख्या के अखबार भास्कर, जागरण, अमर उजाला व हरिभूमि ने अपने लोकल संस्करण की लीड बनाई हो। भिवानी जनपद के गांव नौरंगाबाद में हलका विधायक घनश्याम सर्राफ से नाराज होकर ग्रामीणों ने भिवानी-दिल्ली मार्ग पर जाम लगा दिया था।
इस खबर को भास्कर, जागरण, अमर उजाला व हरिभूमि ने अपने लोकल संस्करण में लीड पर छापा जबकि विधायक प्रेम में वशीभूत अखबार के ब्यूरो चीफ ने खबर छापना तो दूर बल्कि एक लाईन भी इस प्रमुख खबर पर नहीं लिखी। चर्चाएं हैं कि अखबार का रिपोर्टर विधायक का अघोषित पी.आर.ओ है। विधायक की खबरें भेजने से प्रकाशित करवाने तक का सारा ठेका इस ब्यूरो चीफ के पास है तथा इसकी एवज में उसे मानदेय भी मिलता है। बताया जा रहा है कि इसी के चलते ब्यूरो चीफ ने यह खबर भेजने से गुरेज किया।