Madan Tiwary: पटना रेलवे स्टेशन पर ब्लैकमेलर पत्रकारों ने इमानदार सीसीएम के साथ किया अपमानजनक व्यवहार किया और गुंडागर्दी की। दंगाई मानसिकता के पत्रकारों ने सीसीएम पर ही झूठा मुकदमा दायर करा दिया। एक इमानदार अधिकारी को मुस्लिम होने का खामियाजा भुगतना पड़ा। यह पत्रकारिता में संप्रदायिकता का घृणित उदहारण है।
जो इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं उसका बयान इस प्रकार हैः
प्लेटफार्म एक पर बुकिँग ऑफिस के पास वाले गेट पर टीटीई महिला दस्ता चेँकिँग कर रहा था। प्लेटफार्म दो पर श्रमजीवी से आए यात्रियों की चेकिँग हो रही थी। एक यात्री का टिकट गलत होने पर महिला दस्ते की टीटीई संजना शर्मा शर्मा ने उसको बिना टिकट होने के कारण मिनिमम फाइन, 255/- की रसीद काटी ही थी कि Etv+ के पत्रकार कैमरा लेकर टीटीई लोगों से गलतबयानी करने लगे कि इन लोगों के चेक करने से यात्रियो की फजीहत होती है…टीटीई लोगों ने चेकिंग के नाम पर उत्पात मचा रखा है…..यात्रियोँ को तंग करते हैं….लूटते हैं…। इसी दौरान तमाशबीनों की भीड़ लग जाती है तथा मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (chief commerciel manager) भीड़ देखकर आ गये व एक चार क्लास पढ़े पत्रकार के पास पहुंच गये तो पत्रकारोँ का शब्द थे- तू लूटेरा है सीसीएम। यात्रियों को तंग करवाता है सीसीएम, तुम उगाही करवाते हो…
सीसीएम ऐसा अपमान सुनकर स्तब्ध रह गये कि एक चार क्लास पढ़ा रिपोर्टर सरेआम कानून को रौंद रहा है था। एक 59 साल के अधिकारी की इज्जत उतार रहा था। तो सीसीएम महबूब रब्ब ने इतना ही कहा कि इन उद्दण्डों…बेहूदों को पकड़ो….बंद करो। पर उलटे पत्रकार लाबी गलत समाचार चला रही है। एफआईआर भी गलत की है। जानलेवा हमले का झूठा आरोप लगाया है।
ऐसी नंगी जमात मुश्किल से मिलती है, जो पत्रकारोँ ने किया है। विनायक विजेता जी भी सच्चाई जानते है Vinayak Vijeta पत्रकार की तरफदारी में पोस्ट लिख रहे है, अत्यंत दुखद बात है यह। आवारा लम्पट पत्रकारों की एक नइ जमात ने पत्रकारिता को अवारा पूँजीवाद की ओर मोड़ दिया है।
हमारा बिहार का सिस्टम पँगु हो चुका है। अब ज़रुरत है खुद शहंशाह बनकर इंसाफ करने वाले इन पत्रकारोँ के हाथ-पैर तोड़ने की। एक बात और कि सीसीएम महबूब रब्ब साहब काम के पक्के, अनुशासित और ईमानदार अधिकारी हैं। ऐसा अधिकारी रेलवे मे होना गर्व की बात है जो मुफ्त में एक पेपर, एक कप चाय या एक बोतल पानी लेना भी पाप मानते हैं।
अधिकारी मण्डली में ये बातें प्रचलित हैं कि महबूब रब्ब साहब दिन-रात काम करके रेलवे को मुनाफा देते हैं। महबूब रब्ब इमानदारी की मिसाल हैं और एक इमानदार अफ़सर के साथ गाली-गलौज तथा उसे भ्रष्ट कहने के आरोप के कारण यह पोस्ट कर रहा हूं अन्यथा विनायक विजेता जी से बहुत अच्छा संबंध है। मैं इस मामले में नहीं पड़ता।
मदन तिवारी के फेसबुक वॉल से साभार।
jayprakash kumar tiw
September 8, 2014 at 5:08 am
tiwari ji aap ghatna ke samy the kya agar nahi the to patrkaro ki aapse kya dusmani jo sirf aap patrakaro ki bakhiya udher rahe h or ccm sahab ko aap kb se jante h jha tak ccm sahab ka swal h o raxaul ke ak dehati ksheto se aate h jinhe my achhi trah janta hun jab tak kisi ghatna ko apne aakh ne n dekha jay to uske bare me jyada likhna ya bolna dono hi gunah bolne me bahut hi muhfattu han aapke ccm
santosh kumar gupta
September 10, 2014 at 11:55 am
ccm mehaboob rab nihayat hi badtamij aur bad mijaj log hai.begusarai me checking ke dauran inhine media walon se badtamiji ki aur karmchairyon ke saath bhi abhadra vyawahaar kiya.yah baat sahi hai ki taali ek haath se nahi bajati lekin marpit aur gundagardi kitana jayaj hai.
niraj
September 10, 2014 at 12:24 pm
मदन जी आप तो लगता है उन साहब को अच्छे से जानते है जो एक सरकारी पदाधिकारी है इस लिए ऐसी एक्पक्छी बाते कर रहे है। आपने देखा था वहा क्या हुआ था। नहीं ना। . तो मै आपसे एक बात पूछता हु की पत्रकार वही स्टोरी फ़ाइल करते है जहा वो मौजूद रहे पर आप तो कानो सुनी बातो पर जा रहे है या आपके उन रेलवे के अधिकारी से निजी भावना होगी। पर एक बात कहना चाहूंगा की पत्रकारों को बदनाम ना करे।
खुद ऐरकंडीसन में बैठ कर मदन बाबू।