Twitter पर किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाना पड़ा भारी, कइयों के अकाउंट Withheld किया
लोकतान्त्रिक देश में अब अपनी आवाज़ उठाना भी जैसे गुनाह हो गया है। लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ भी अब सुरक्षित नहीं बचा। Twitter पर किसानों के समर्थन या सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने पर account को withheld किया जा रहा है। ये सभी कार्रवाई खुलेआम हो रही है।
सैकड़ों पत्रकारों, एक्टिविस्टों, मीडिया हाउसों के ट्विटर एकाउंट पर मोदी सरकार और बीजेपी आईटी सेल वालों के सौजन्य से गाज गिरी है.
कारवां, वायर के ट्विटर एकाउंट पर भी गाज गिरी है. हांगकांग में रहने वाले एक्टिविस्ट अविनाश पांडेय समर अनार्या का ट्विटर एकाउंट भी भाजपाइयों के निशाने पर आ गया है. कुछ ऐसा ही हुआ DPK NEWS के चैनल हैड हर्ष चौधरी के साथ.
किसानों की आवाज़ बने इन पत्रकारों-एक्टिविस्टों का ट्विटर अकाउंट सिर्फ इसलिए withheld कर दिया गया क्योंकि उन्होंने किसानों के समर्थन में अपनी विचारधारा रखी.
ये वाकया सिर्फ हर्ष के साथ ही नहीं, बल्कि किसान आंदोलन को कवर कर रहे सैकड़ों पत्रकारों-एक्टिविस्टों के साथ किया गया है. मंदीप पुनिया जिस मैग्ज़ीन के लिए काम करते हैं, उसका अकाउंट भी रोक दिया गया. इसके साथ ही किसान आंदोलन के संगठन किसान एकता मोर्चा और Tractor to Twitter के ट्विटर अकाउंट्स को भी withheld किया गया.
हम आपको यहाँ सबूत के साथ उन सभी अकाउंट की तस्वीरें दिखा रहें हैं. वहीं, THE WIRE ने भी खबर लगा कर इस खबर की पुष्टि की है. इस वाकये से पत्रकारिता क्षेत्र में काम कर रहे लोगों में रोष है. लोगों में इतना गुस्सा है जो सोश्ल मीडिया पर नज़र आ रहा है. लोगों का सवाल है सरकार कितना गिरेगी.
भारी विरोध के बाद ट्विटर ने धीरे धीरे एक एक कर एकाउंट्स पर से पाबंदी हटानी शुरू कर दी है.