Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

महेंद्र दवेसर ‘दीपक’ के कहानी संग्रह ‘पुष्प-दहन’ का लोकार्पण

श्रीमती संगीता बहादुर के कर-कमलों द्वारा लंदन के नेहरू सेंटर में महेंद्र दवेसर ‘दीपक’ के चौथे कहानी-संग्रह ‘पुष्प- दहन’ का लोकार्पण संपन्न हुआ. कार्यक्रम के संचालक थे बीबीसी के हिंदी यूनिट के पूर्व अध्यक्ष एवं घोषक और कथा (यू.के.) के वर्तमान अध्यक्ष सर्वप्रसिद्ध साहित्यकार, श्री कैलाश बुधवार. कार्यक्रम में शामिल थीं दो विश्वविख्यात साहित्यकार, डॉक्टर कविता वाचक्नवी (कहानीकार, कवियत्री, शोधक, समीक्षक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की परीक्षक) और श्रीमती दिव्या माथुर (कहानीकार, कवियत्री, वातायन की संस्थापक-अध्यक्ष और नेहरू सेंटर की पूर्व सीनियर प्रोग्रामर). इस अवसर पर उपस्थित थे अन्य प्रसिद्ध साहित्यकार – डॉक्टर श्याम मनोहर पाण्डे, श्रीमती उषाराजे सक्सेना, श्रीमती तोषी अमृता तथा श्रीमती शन्नो अग्रवाल.

<p>श्रीमती संगीता बहादुर के कर-कमलों द्वारा लंदन के नेहरू सेंटर में महेंद्र दवेसर ‘दीपक’ के चौथे कहानी-संग्रह ‘पुष्प- दहन’ का लोकार्पण संपन्न हुआ. कार्यक्रम के संचालक थे बीबीसी के हिंदी यूनिट के पूर्व अध्यक्ष एवं घोषक और कथा (यू.के.) के वर्तमान अध्यक्ष सर्वप्रसिद्ध साहित्यकार, श्री कैलाश बुधवार. कार्यक्रम में शामिल थीं दो विश्वविख्यात साहित्यकार, डॉक्टर कविता वाचक्नवी (कहानीकार, कवियत्री, शोधक, समीक्षक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की परीक्षक) और श्रीमती दिव्या माथुर (कहानीकार, कवियत्री, वातायन की संस्थापक-अध्यक्ष और नेहरू सेंटर की पूर्व सीनियर प्रोग्रामर). इस अवसर पर उपस्थित थे अन्य प्रसिद्ध साहित्यकार – डॉक्टर श्याम मनोहर पाण्डे, श्रीमती उषाराजे सक्सेना, श्रीमती तोषी अमृता तथा श्रीमती शन्नो अग्रवाल.</p>

श्रीमती संगीता बहादुर के कर-कमलों द्वारा लंदन के नेहरू सेंटर में महेंद्र दवेसर ‘दीपक’ के चौथे कहानी-संग्रह ‘पुष्प- दहन’ का लोकार्पण संपन्न हुआ. कार्यक्रम के संचालक थे बीबीसी के हिंदी यूनिट के पूर्व अध्यक्ष एवं घोषक और कथा (यू.के.) के वर्तमान अध्यक्ष सर्वप्रसिद्ध साहित्यकार, श्री कैलाश बुधवार. कार्यक्रम में शामिल थीं दो विश्वविख्यात साहित्यकार, डॉक्टर कविता वाचक्नवी (कहानीकार, कवियत्री, शोधक, समीक्षक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की परीक्षक) और श्रीमती दिव्या माथुर (कहानीकार, कवियत्री, वातायन की संस्थापक-अध्यक्ष और नेहरू सेंटर की पूर्व सीनियर प्रोग्रामर). इस अवसर पर उपस्थित थे अन्य प्रसिद्ध साहित्यकार – डॉक्टर श्याम मनोहर पाण्डे, श्रीमती उषाराजे सक्सेना, श्रीमती तोषी अमृता तथा श्रीमती शन्नो अग्रवाल.

कार्यक्रम के आरंभ में नेहरू सेंटर की निदेशक श्रीमती संगीता बहादुर ने दर्शकों की प्रचुर उपस्थिति पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और उनका हार्दिक स्वागत किया. तत्पश्चात उन्होंने महेंद्र दवेसर का परिचय कराया और उनके साहित्यिक जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि अपलब्धि के लिए आयु की दीवार नहीं हुआ करती. उन्होंने बताया कि उन्होंने लेखक की कई कहानियां पढ़ी हैं जो कि अत्यंत मार्मिक और हृदयस्पर्शी हैं क्योंकि उनके विषय जन-साधारण के जीवन से जुड़े हुए होते हैं. उन्होंने सभा के संचालक श्री कैलाश बुधवार, डॉक्टर कविता वाचक्नवी, श्रीमती दिव्या माथुर और श्री महेंद्र दवेसर को मंच पर निमंत्रित किया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पुस्तक के लोकार्पण से पूर्व श्री कैलाश बुधवार ने यह चिरंतन सत्य दोहराया कि कलम तलवार से ताक़तवर होती है और कहा कि हर कुशल लेखक की तरह महेंद्र द्वेसर ने इस विपुल शक्ति के प्रयोग में संसार की खूबियों, खराबियों और परेशानियों को निशाने पर रखा है. उनकी कहानियाँ जीवन से साक्षात कराती हैं और सचमुच जीवन-दर्पण हैं.

कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता डॉक्टर कविता वाचक्नवी ने कहा कि कई बार बड़े बड़े लेखक भी अनावश्यक वर्णन के कारण अपनी रचनाओं को कमज़ोर कर देते हैं और पाठक अपने कौतुहूल में आगे jump कर जाता है. महेंद्र द्वेसर की रचनाओं में यह कमजोरी नहीं मिलती और कहानियों का बहाव बना रहता है. पुस्तक में शामिल देश-विभाजन संबंधी कहानियों ‘दो पाटन बिच आए के’ और ‘बंदिशें‘ कि चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि लेखक ने इन्हें वर्तमान में ढाल दिया है. कविता जी को पुस्तक की कोई भी कहानी कमजोर नहीं लगी. शीर्ष कथा ‘पुष्प दहन’ उन्होंने ‘रौंगटे खड़े’ कर देने वाली बताया. कविता जी ने कहा कि कहानी  ‘एक नोट सौ का’ ने उन्हें भी हिलाकर रख दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमती दिव्या माथुर ने बताया कि उस शाम वे पुस्तक कि किसी कहानी का पाठ करना चाहती थीं किन्तु समय के अभाव के कारण वे ऐसा न कर सकीं. उन्होंने पुस्तक के अंत में छपीं देश-विदेश से मिली संपादकों, साहित्यकारों और पाठकों की प्रतिक्रियाएं पढकर सुनाईं. श्री महेंद्र दवेसर ने पाठकों को अपनी कहानियों के प्रेरक सूत्रों की जानकारी दी, अपनी याद से अपनी कहानियों के कुछ अंशों को सुनाया और फिर से याद दिलाया कि पुस्तक-विक्रय से उपलब्ध राशि Sutton के Royal Marsden Hospital को दी जाने वाली है. कार्यक्रम के अंत में श्री कैलाश बुधवार ने नेहरु सेंटर, कार्यक्रम की भागीदार डॉक्टर कविता वाचक्नवी, श्रीमती दिव्या माथुर और सर्वोपरी उपस्थित दर्शोकों का पुन: धन्यवाद किया.

प्रेस रिलीज.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

भड़ास तक खबर सूचनाएं जानकारियां मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadas_Group_two

Advertisement

Latest 100 भड़ास

Advertisement

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement