Sanjaya Kumar Singh : राहुल गांधी तो गले लगने की अच्छी कीमत वसूल रहे हैं। श्रीमान 56 की ऐसी खिंचाई तो अभी तक हुई ही नहीं थी। उसपर से उनके ‘मित्र’ भी नहीं बख्शे जा रहे हैं। आज एक वीडियो दिखा जिसमें राहुल पत्रकारों से पूछ रहे थे आपलोग राफेल पर बात क्यों नहीं करते हैं? फिर कहा कि मैं समझता हूं, दबाव होगा पर थोड़ा तो बैकबोन (रीढ़) दिखाइए।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने जिस तरह एंकर अमीश देवगन की क्लास ली वह अपने आप में अनूठा है। आज ही एक खबर दिखी कि राहुल ने कांग्रेस प्रवक्ताओं को लाइन बता दी है। लगता है कि हम जैसे बेरोजगारों के लिए टाइम पास के लिहाज से ‘अच्छे दिन’ आने वाले हैं।
देखिए राहुल गांधी ने किस तरह पत्रकारों को शर्मसार किया..
Anil Singh : वाह क्या इत्तेफाक हैँ? ये सब बड़े-बड़े इत्तेफाक बड़े-बड़े पूंजीपतियों के लिए ही क्योँ होते हैँ? 1. राफेल डील तय होने से मात्र दस दिन पूर्व अनिल अम्बानी, रिलायंस डिफेंस नाम की कम्पनी का गठन करते हैँ और उस डील मेँ ठेका इस कम्पनी, जिसको कि विमानन क्षेत्र का कोई अनुभव नहीँ है, को मिल जाता है, वाह क्या इत्तेफाक है?
2. एक दिन पूर्व विजय माल्या देश के वित्त मंत्री से मिलते हैँ और अगले ही दिन देश से फरार हो जाते हैँ, सोचिए जिस शख्स को सारी दुनिया पहचानती थी, उसे एयरपोर्ट अथॉरिटी और सिक्योरिटी वाले लोग नहीँ पहचान पाए, सीबीआई, आईबी, इनकम-टैक्स वाले सभी सोते रह गए, वाह क्या इत्तेफाक है?
3. अप्रैल 2018 मेँ मोदी जी एंटीगा के प्रधानमंत्री से मिलते हैँ और जुलाई 2018 मेँ देश से फरार हुए, देश के गुनहगार और मोदी जी के मेहुल भाई चौकसी को एंटीगा की नागरिकता मिल जाती है, वहाँ पनाह मिल जाती है, वाह क्या इत्तेफाक है? 4. मोदी जी बिना बुलाए अचानक विदेश से ही सीधे नवाज़ शरीफ से मिलने पाकिस्तान पहुंच जाते हैँ और वहां पर पहले से ही देश के दो बड़े पूंजीपति अडानी और जिंदल भी मौजूद होते हैँ, और सुनने मेँ आया था कि उसके बाद अडानी को 6000 करोड़ का ठेका वहां मिल जाता है। वाह-वाह क्या इत्तेफाक है?
वरिष्ठ पत्रकार द्वय संजय कुमार सिंह और अनिल सिंह की एफबी वॉल से.
https://www.youtube.com/watch?v=55NezS4H4_4