इंडिया टीवी के चेयरमैन और मुख्य संपादक रजत शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में डीप फेक वीडियो बनाने वाले ऐप्स को ब्लॉक करने की मांग के साथ याचिका दायर की है.
दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यकारिणी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने डीफ फेक वीडियो बनाने वाले मोबाइल ऐप की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने वाली याचिका की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी की है. मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.
वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा की याचिका में कहा गया है कि, “इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को निर्देश दिया जाए कि वे ऐसे ऐप्स की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने की दिशा में काम करें.”
इस पर कोर्ट ने कहा कि, “सरकार अभी डीप फेक वीडियो बनाने वालों पर अंकुश नहीं लगा पाई है और उसे इस पर निश्चित तौर पर काम करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल भी डीप फेक वीडियो के दुरूपयोग की शिकायतें कर रहे हैं.”
शर्मा ने अपनी याचिका में कहा, “उन्हें डीप फेक वीडियो के बारे में पता तब चला जब उनका खुद का डीप फेक वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा था. उनके वीडियो में उनके चेहरे और आवाज का इस्तेमाल कर डॉयबिटीज और वेट लॉस के नुस्खे बताए जा रहे थे.” रजत शर्मा ने इस वीडियो को हटवाने के लिए नोएडा पुलिस की शरण ली थी, लेकिन वीडियो हटवाया नहीं जा सका.
याचिका में कहा गया है कि, ‘केंद्र सरकार एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करे, जिससे डीप फेक वीडियो की शिकायत मिलने के 12 घंटे के अंदर कार्रवाई हो सके.’ याचिका में डीप फेक वीडियो की शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति की मांग की है.