नई दिल्ली: उर्दू के प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा और हिंदी लेखक डा. रमेशचन्द्र शाह समेत 22 रचनाकारों को वर्ष 2014 का साहित्य अकादेमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि हिंदी में डॉ शाह को उनके उपन्यास ‘विनायक’ के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि उर्दू के मुनव्वर राणा को उनके काव्य संग्रह ‘शाहदाबा’ के लिए पुरस्कार से नवाजा जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल 22 भाषाओं में आठ कविता-संग्रह, पांच उपन्यास, तीन निबंध-संग्रह, तीन कहानी संग्रह, एक आत्मकथा और एक समालोचना के लिए वर्ष 2014 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि पुरस्कार विजेताओं को अगले साल नौ मार्च को दिल्ली में एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसमें एक लाख रूपये की राशि, शॉल, प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा. राव ने बताया ‘‘कुछ तकनीकी कारणों की वजह से मणिपुरी और संस्कृत भाषा के पुरस्कारों की घोषणा नहीं की गई है. 15-20 दिन में इन भाषाओं के पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी जाएगी.’’ उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के लिए यह पुरस्कार आदिल जस्सावाला को उनके कविता संग्रह ‘ट्राईंग टू से गुडबाई’ के लिए दिया जाएगा.
इसके अलावा राजस्थानी में रामपाल सिंह राजपुरोहित, असमिया में अरूपा पतंगीया कलिता, नेपाली में नंद हाड़खिम को उनके कहानी संग्रहों के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कश्मीरी में शाद रमज़ान, ओड़िया में गोपालकृष्ण रथ, सिंधी में गोपे कमल, बांग्ला में उत्पल कुमार बसु, बोडो में उख्राव गोरा ब्रह्म को उनके कविता संग्रह के लिए यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई.राव ने बताया कि डोगरी में शैलेंद्र सिंह, मैथिली में आशा मिश्र, मलयालम में सुभाष चंद्रन, तमिल में पूमणि को उनके उपन्यासों के लिए पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुजराती में दिवंगत अश्विन मेहता, कन्नड़ में जीएच नायक और कोंकणी में माधवी सरदेसाई को उनके निबंध संग्रहों के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार देगी.
इनके अलावा मराठी में जयंत विष्णु नारलीकर को आत्मकथा के लिए पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पंजाबी में जसविंदर को ग़ज़ल के लिए पुरस्कार दिया जाएगा. अकादमी सचिव ने बताया कि संथाली में जमादार किस्कू को उनके नाटक के लिए पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि तेलुगू में राचपालेम चंद्रशेखर रेड्डी को समालोचना के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. राव ने बताया कि पुरस्कारों की अनुशंसा 22 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई थी तथा अकादेमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकारी मंडल की बैठक में इन्हें अनुमोदित किया गया.