–Ashwini Kumar Srivastava–
बाला साहेब ठाकरे को आज कितना गर्व हो रहा होगा कि उनकी बनाई शिव सेना के जरिए उनके सुपुत्र उद्धव ठाकरे ने वह उखाड़ कर दिखा दिया, जो अगर सरकार न होती तो वह उखाड़ भी न पाते. किसी दूसरे प्रांत से मुंबई आकर अपने बल पर सफल हुई एक महिला का ऑफिस सरकारी तंत्र की मदद से तोड़ देना निसंदेह शिव सेना और ठाकरे परिवार के अब तक के सबसे महान और शौर्य के कामों में भी सबसे ऊपर ही गिना जाएगा. ठाकरे ने सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके जो शूरवीरता दिखाई है, उसके बाद तो मजाल है कि कोई महिला कभी मुंबई में कुछ बोल पाए….. किसी महिला पर सरकार का ऐसा जोर दिखाने की मर्दानगी का सबूत देकर आज उद्धव ठाकरे खुश तो बहुत होंगे…
Satyendra PS
गजबै। उन्होंने उखाड़ने को कहा कि जो उखाड़ना हो उखाड़ लो। इनको यही समझ मे आया कि यही उखाड़ना है! आखिरकार सफलतापूर्वक उखाड़ ही दिया। हम लोगों के यहां उखाड़ने को दूसरे रूप में लिया जाता है। महाराष्ट्र में जाकर उसका अर्थ बदल गया।

उद्यमी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव और पत्रकार सत्येंद्र पीएस की एफबी पोस्टों पर आईं कुछ प्रतिक्रियाएं देखें-







