हिंदुस्तान अखबार से अनिल भास्कर और रामकुमार शर्मा के बाद अब संजय कटियार ने भी इस्तीफा दे दिया है. संजय बरेली एडिशन संभाल रहे थे. उधर, सूचना है कि जीबीसी न्यूज़ नामक एक न्यूज चैनल लाया जा रहा है जिससे मधुकर पाण्डेय, पुनीत चौधरी और आलोक झा आदि जुड़े हैं. पुनीत चौधरी चैनल में मैनेजिंग एडिटर पद पर हैं. वे डेल्टा न्यूज़, पंजाब केसरी, सुदर्शन न्यूज़ में काम कर चुके हैं.
मधुकर रिलायंस ग्रुप, जी नेटवर्क, सिटी केबल में कार्यरत रहे हैं. मधुकर चैनल के सीईओ बनाए गए हैं. अलोक ओझा रिलायंस, जी नेटवर्क, सिटी केबल, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, पायनियर, आब्जर्वर, हिंदुस्तान, स्टैट्समैन में रहे हैं. इन्हें जीबीसी न्यूज़ का बिजनेस हेड बनाया गया है.
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CHANNEL PEEDIT SANGH
December 19, 2016 at 2:44 pm
ग्लोब न्यूज की आड़ में करोड़ों का खेल हो पाएगा…. ब्लेकमेलिंग का आरोपी चैनल वन फिर चर्चा में-पीएम से नजदीकी के दावे के बावजूद कसता शिकंजा ! सरकारी अफसरों की सैक्स सीडी बनाने और करोड़ों की ब्लेकमेलिंग के आरोपी चैनल वन मालिकान को क्या प्रधानमंत्री का संरक्षण प्राप्त है? क्या जो प्रधानमंत्री कालेधन और करप्शन को लेकर बेहद गंभीर हैं वही प्रधानमंत्री उत्तराखंड पुलिस से फरार चल रहे और कई गंभीर आरोपों से घिरे चैनल वन मालिकान को जानते या पहचानते भी हैं? क्या कभी जीएनएन कभी मयूर विहार कभी रातों रात नोएडा कभी रिपोर्टर 24 इनटू 7, कभी आर्यन कभी ग्लोब न्यूज की आड़ करोड़ों का खेल हो पाएगा या दोस्ती के नाम पर कमीशनखोरों का पूरा गेम प्लान चौपट हो जाएगा?
दरअसल ये सवाल चैनल वन मालिकान और सीईओ काशिफ अहमद द्वारा प्रधानमंत्री महोदय के साथ अपनी तस्वीर को दिखा कर ये साबित करने की कोशिश के बाद उठ रहे हैं कि हमारी पहुंच मान्नीय प्रधानमंत्री महोदय तक है! सरकारी अफसरों व बड़े लोगों को अपनी रिपोर्टरों के हनी ट्रैप में फंसाने और उनकी सैक्स सीडी बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोपी चैनल वन के कई बड़े लोग जेल तक की हवा खा चुके हैं और अभी भी उसके मालिकान की तलाश उत्तराखंड पुलिस को है! पुलिस द्वारा फरार घोषित किये हुए चैनल वन मालिकान आरिफ आदि फिलहाल मीडिया और अपने रसूख के चलते अभी तक पुलिस से बचे हुए हैं। इसके अलावा मोटी रिश्वत के दम पर उत्तर प्रदेश लेबर विभाग के कई बड़े अफसरों को अपने इशारे पर नचाने वाले चैनल वन मालिकान की मुश्किलें बढ़ सकती है!
लगभग दस साल से सैंकड़ो कर्मचारियों का पीएफ, टीडीएस, इंकम टैक्स, एक्साइंज और कस्टम सहित कई प्रकार के टैक्सों की चोरी की चर्चा वाले चैनल वन के खिलाफ कहा जा रहा है कि कई विभाग जांच का शिकंजा कस सकते हैं! कई कई माह की सैलरी न देने के आरोपी चैनल वन में यूं तो देश के कई नामी पत्रकार आए लेकिन उन सभी के साथ चैनल वन मालिक जहीर अहमद ने सिर्फ ब्लैकमेलिंग करने और कमा कर लाने की शर्त रखी जिसका सबूत है जहीर अहमद और उनके बेटे के खिलाफ चल रहे मामले और मीडिया पर प्रसारित खबरे और जहीर अहमद और उनके चैनल हैड का स्टिंग जो कि कभी भी यू ट्यूब पर मीडिया ऑप्रेशन के नाम से देखा जा सकता है।
चाहे यूसुफ अंसारी हो या मारूफ रजा, आजाद खालिद हो या फिर उदय सिंहा, नवीन कुमार हो या फिर अमिताभ अग्निहोत्री या फिर कुमार राकेश जैसे जाने माने पत्रकार जहीर अहमद की ब्लैकमेलिंग की पॉलिसी के आगे सबने हथियार ही डाल दिये हैं। इतना ही नहीं राजीव नाम के एक कर्मी को टारगेट पूरा न करने की सजा के तौर पर सरेआम गालियां सुनाए जाने की चर्चाएं गर्म रहीं हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि बेचारा रोता हुआ चैनल से गया था! रहा सैलरी का सवाल तो 15 नवंबर को चैनल के समस्त कर्मचारी जहीर अहमद के केबिन में घुसे और अपनी पिछले साल नवबर और इस साल मार्च तक की सैलरी के अलावा कई महीने से रुकी हुई सैलरी की मांग करते हुए चैनल में देर रात को होने वाली संदिघ्ध गतिविधियों सहित कई गंभीर आरोपों पर ध्यान दिलाने के लिए जहीर अहमद को एक मांग पत्र सौंप गये।
लगभग दस साल से अपने सैंकड़ो कर्मचारियों को कैश में सैलरी बांटने वाले जहीर अहमद और उसकी कई कंपनियों पर अपने कालेधन के मामले और कई तरह के टैक्सों की चोरी को लेकर जांच ऐजेंसिया सक्रिय हो सकती है! गृह मंत्रालय और सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय द्वारा इनके चैनल लैमन न्यूज को प्रतिबंधित किये जाने के बाद अब जांच इस बात की होनी है कि वही डॉयर्क्टर्स चैनल वन को कैसे चला सकते हैं? साथ ही जीएनएन न्यूज से रिपोर्टर 24 इनटू 7 को अवैध रूप से ठेके पर चलाने का काम मयूर विहार से चलने वाले जीएनएन का पूर्व मालिक ही कर रहा है या फिर खुफिया तौर पर जहीर अहमद? इसके अलावा आर्यन टीवी को किराए पर लेकर जीएनएन के लाइसेंस का दुरुपयोग (रिपोर्टर 24 इनटू 7) आईएंडबी के किस अधिकारी की शह पर किया जा रहा है? जबकि चर्चा यह भी है कि उत्तराखंड सीबीसीआईडी को जांच के दौरान डॉयरेक्टर्स वली मौहम्मद आदि के बारे में भी गुमराह किया गया है!
उधर कंपनी के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने जहीर अहमद की गालियों और ब्लैकमेलिंग का दबाव बनाने की नीति के खिलाफ चैनल वन पीडित संघ बना लिया है। जिसने प्रधानमंत्री और सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय समेत पुलिस तक को अपनी पीड़ा और जहीर अहमद की शिकायत कर डाली है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इसकी भनक जहीर अहमद को भी हो गई है जिसके बाद उसने चैनल में जबरन छटनी और एक एक को बुलाकर कमरे में बंद करके जबरन इस्तीफा लिखवाना शुरु कर दिया है।
अंदर की खबर यह भी है कि आईबी का एक पूर्व कर्मी और जहीर अहमद के गुंडे दूर दराज से रोजी रोटी की तलाश में आए पत्रकारों को मजबूर करके और उनको डरा धमकाकर अपने पक्ष में कोरे कागज पर साइन करा रहे है ताकि जांच के दौरान अपने पक्ष में उसको दिखा सके। खबर यह भी है कि कई माह तक सैलरी न मिलने क बाद ऑउटपुट हैड मनोज मेहता ने जब अपनी सैलरी की मांग की तो चैनल ने मेहता को अपना कर्मचारी तक मानने से इंकार कर दिया है, ऐसे में मेहता के पास जहीर अहमद, आरिफ और काशिफ सहित चैनल वन, लैमन, और जीएनएन की आड़ में चल रहे काले धंधे की पोल खोलने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। जबकि दो माह पहले ही चैनल हैड बनाए गये आजाद खालिद ने भी मौखिक व लिखित तौर पर जहीर अहमद के अवैध हुकुम को मानने से इंकार कर दिया है साथ ही ब्लैकमेलिगं और उत्तारखंड के मामले को मैनेज कराने से इंकार कर दिया है, साथ ही कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा लिये जाने का विरोध जताते हुए लंबी छुट्टी ले ली है।
पूर्व व वर्तमान कर्मचारियों का आरोप है कि चैनल में जहीर अहमद की रंगीनी और उनकी एक चहेती, जिसको स्टाफ और जहीर के गुर्गे तक दूसरी मम्मी के नाम पुकारते है, के बढ़ते हस्तक्षेप और इसके अलावा मुस्लिम राजनीति के नाम पर कुछ कथित पत्रकार चैनल की आड़ में अपनी दुकान चला रहे हैं! चर्चा ये भी है कि कई कई माह सैलरी न मिलने का रोना रोने वाले यह लोग देहरादून और लखनऊ तक हवाई जहाज से सफर करते हैं ताकि उत्तराखंड और पुलिस में चल रहे मामलों को मैनेज किया जा सके।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि कभी जीएनएन के नाम से मयूर विहार से लाए गये दो चैनलों को खरीदने का दावा करने वाले जहीर अहमद ने दोनों चैनलों के लाइसेंस साउथ में किराए पर चला दिये थे! लेकिन अब रिपोर्टर 24 इन टू 7 के नाम से इसको आर्यन चैनल पर अवैध रूप से चलाने का झांसा देकर एक नई मुर्गी फांसी गई है। जहीर अहमद के बारे में कहा यही जाता है कि एक बार मोटी डील होने के बाद जांच में जो होगा देखा जाएगा की पालिसी पर काम किया जाता है ।जबकि पिछले ही माह रिपोर्टर 24 इन टू 7 को ठेके पर दिये जाने का एग्रीमेंट और देहरादून में ओबी और सैटअप लगाने की चर्चाएं अभी थमी भी नहीं थीं कि एक नई पार्टी को फंसाना जांच का विषय है।अब चर्चा यह है कि कुछ नवधनाड्यों की ब्लैक की कमाई के दम पर उनको मीडिया के सब्जबाग दिखाकर कुछ दलालों ने ग्लोब टीवी नाम का नया गेम खेलने की प्लानिग की है। कमीशन के इस मोटे केल में जहीर अहमद के अलावा कालेधन के खिलाड़ियों ने भी बड़े बड़े सपने पाल लिये हैं। लेकिन जांच के बाद कमीशन के खलाड़ियों के अलावा कई मछलियों पर शिंकजा कस सकता है।
बहरहाल कभी चैनल में अपना भविष्य बनाने आए कई पत्रकार चैनल के मालिकान की गलत नीतियों के चलते चैनल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। उनका दावा है कि जो चैनल देश के कानून और पत्रकारों का सम्मान नहीं करता उसके काले कारनामों के खिलाफ जांच होनी चाहिए, भले ही वह प्रधानंत्री महोदय के साथ नजदीकी का दावा क्यों न करे।
निवेदक
चैनल वन पीड़ित संघ
एफ-42, सैक्टर-6 नोएडा
CHANNEL 1 PEEDIT SANGH
F-42, SECTOR-6 NOIDA
E-MAIL:[email protected]
Dhiraj
December 22, 2016 at 8:09 am
Good to hear about Madhukar Sir after a so looooong gap. I have got chance to work with him.