रायपुर : अपनी हरकतों की वजह से कई सालों से सुर्ख़िया बटोर रहे पत्रिका के सम्पादक राजेश लाहोटी ने एक बार फिर अख़बार की जमकर भद पिटा दी है। हाल यह हो गया है कि प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एज़ूकेशन आलोक शुक्ला को सोशल मीडिया पर पत्रिका का बहिष्कार करने की बात लिखनी पड़ी है।
ताज़ा वाक़या कोरोना के इस दौर में एक पार्टी से शुरू हुआ, जिसमें दो सस्पेंड अधिकारी और लाहोटी के अलावा, भिलाई के दो एजुकेशन माफ़िया और एडिटर का खास रिपोर्टर भी था। इस पार्टी में कई साजिशें रची गईं। एक गुमनाम व्यक्ति की चिट्ठी के हवाले से संडे को वो न्यूज़ छपी जिस पर किसी को भरोसा नहीं था।
महामारी के वक़्त में बघेल सरकार के द्वारा शुरू की गयी आनलाइन शिक्षा को फ़र्ज़ीवाड़ा बता दिया गया। जब यह न्यूज़ छपी, सीएम ने तत्काल टॉप ब्यूरोक्रेसी के लोगों को तलब किया। फिर छानबीन में पता चला कि यह न्यूज़ पूरी तरह से झूठ से लबरेज़ है और जनसम्पर्क विभाग को खंडन जारी करना पड़ा।
इसके बाद असल कहानी शुरू हुई। जब शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला ने इस समचार के छपने के बाद पत्रिका और एडिटर के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ दिया और पाठकों से पत्रिका न पढ़ने की अपील कर दी तो इसका परिणाम यह हुआ कि रविवार को पत्रिका में छपी ख़बर का खंडन करना पड़ा।
जानकारी मिल रही है कि स्कूल शिक्षा विभाग के ख़िलाफ़ शातिर तौर तरीक़ों से पहले भी ख़बर छपती रही है। ख़ुद को न्यूज़ एडिटर बताकर लोगों को धमकाने वाला पत्रिका का एक पत्रकार भी इसमें शामिल रहा है। बताया जाता है कि जिस रिपोर्टर ने ख़बर लिखी है उसके ख़िलाफ़ वसूली की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज है।
सुमन्त साहू, पत्रकार
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