सिवनी में अमीर बनने का सपना लोगों को भारी पड़ गया। करीब 3 सौ लोग फर्जीवाड़े के शिकार हो गए। चित्रांश टेक्नोलॉजी नामक फर्जी कंपनी ने विज्ञापन दिखाने के नाम पर मोटी कमाई का लालच देकर लोगों से 35-35 हजार रुपए वसूले। बाद में उन्हें एक एलसीडी थमा दिया। कहा गया कि एलसीडी में विज्ञापन चलाया जाता है। जिसे देखने पर पहले साल 7000 रुपए प्रति माह, फिर दूसरे साल 8000 रुपए प्रति माह और तीसरे साल 10000 रुपए प्रति माह के हिसाब से रकम मिलेगी। कुल मिलकर तीन साल में 330000 रुपए दिए जाएंगे।
लोग फर्जीवाड़ा समझ नहीं सके, और कंपनी के चक्कर में आ गए। ऐसे में कंपनी संचालक उन्हें एलसीडी थमाकर करोड़ों रुपए ले भाग निकले। मामला थाने में दर्ज कराया गया। लेकिन जैसे जैसे लोगों को पता चल रहा है, धोखे में फंसने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। लोगों का कहना है की उन्होंने महज एक फार्म भरकर कंपनी की सदस्यता ली थी। इसके अलावा उनके पास कोई खास दस्तावेज नहीं है।
सिवनी चित्रांश कंपनी का मामला थाने पुहचा लाखो रु गवन का है आरोप 35000 रु ने एलसीडी देकर चलाया जाता है विज्ञापन 7000 प्रतिमाह देने का किया वादा सैकड़ो लोगो को 3 माह से कुछ नहीं मिला। कुछ से 7000 और कुछ से 35000 हजार लेने के बाद भी नहीं दिया। एलसीडी सिवनी में लगभग 300 लोग बने हैं चित्रांश कंपनी के ग्राहक।
उसने कहा था कि नागपुर की किसी चित्रांश कंपनी में रुपए डालेंगे तो 32 इंच की एलसीडी टीवी आएगी। हर महीने 7-7 हजार रुपए का चेक आएगा। इसका चेक उसे दिया गया मगर, अभी तक ना तो एलसीडी आई है और ना ही रुपए वापस किए गए हैं। अंकित ने बताया कि मुन्नू ने चित्रांश कंपनी के नाम से रुपए लेकर उसके साथ धोखाधड़ी की है। उसने एसडीओपी एसपी दुबे को आवेदन सौंपकर रुपए वापस दिलाने और कार्रवाई करने की मांग की है। मामले को लेकर फोटो व्यवसायी मुन्नू पचौरिया ने बताया कि उन्होंने किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं की है। केवल कंपनी की जानकारी भर दी है। चेक भी कंपनी के नाम से बनाया गया था। इसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।
एक विज्ञापन कंपनी ने 3 हजार से ज्यादा व्यापारियों को विज्ञापन के लिए टीवी लगाने के नाम पर ठगा। अब तमाम व्यापारी अपने अपने एग्रीमेंट लेकर पुलिस से पैसा वापस दिलाने की गुहार लगा रहे है। चित्रांश एडवर्टाईजिंग कंपनी में 35 हजार रुपए जमा कर एक अनुबंध किया था। जिसमें सभी को 15 हजार का एक टीवी दिया गया। विज्ञापन चलाने पर हर महीने 7 हजार रुपए देने का अनुबंध किया था। कंपनी ने टीवी लगवाने वाले कुछ व्यापारियों को उनके चैक भी दिए। लेकिन पिछले 3 महीने से उन्हें चैक मिलना बंद हो गए। कपनी प्रबंधन भी उनके फोन का जवाब नही दे रहा।