आचार्य निरंजननाथ सेवा संस्थान के सहयोग से साहित्यिक पत्रिका ‘संबोधन’ के माध्यम से दिया जाने वाला अखिल भारतीय आचार्य निरंजननाथ सम्मान (रु. 51,000 एवं अन्य) सुभाष चंद्र कुशवाहा के कहानी संग्रह ‘लाला हरपाल के जूते’ को दिए जाने की घोषणा की गई है. 2011 से 2015 के मध्य छपे हिंदी कहानी संग्रहों में से ‘लाला हरपाल के जूते’ ने चयनकर्ताओं को सर्वाधिक प्रभावित किया.
मालूम हो कि हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य निरंजननाथ राजस्थान हिंदी अकादमी के अध्यक्ष रहे हैं. यह सम्मान उन्हीं के नाम पर दिया जाता है. आचार्य निरंजननाथ सेवा संस्थान के अध्यक्ष – कर्नल देशबंधु आचार्य हैं. 20 नवम्बर को कांकरोली, राजसमद, राजस्थान में सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें सुभाष चंद्र कुशवाहा सम्मानित किए जाएंगे. समारोह में राजसमंद के प्रसिद्ध कवि एवं कथाकार अफजल खां अफजल को भी सम्मानित किया जाएगा. अफजल को आचार्य निरंजननाथ विशिष्ट साहित्यकार सम्मान दिया जाएगा. 18वें आचार्य निरंजननाथ सम्मान के निर्णायक मंडल में डा. रुप सिंह चंदेल, डा. नरेंद्र निर्मल और हरे प्रकाश उपाध्याय थे.