नाज़िया ख़ान-
The Killing of a sacred Deer… इस मूवी का पहले नाम भी नहीं सुना था। लेकिन टाइटल इंट्रेस्टिंग लगा तो देखने बैठ गई। फिर निकोल किडमैन जैसी हीरोइन थी, बाक़ियों को नहीं जानती थी। अगर sacred deer वाला मेटाफर समझना हो तो ग्रीक मायथोलॉजी की तरफ़ जाना होगा। एक ग्रीक राजा ने देवी आर्टिमिस के पवित्र हिरण की हत्या कर दी थी, जिसके बदले में उसे अपनी संतान की बलि देना पड़ी थी। पूरी कहानी बहुत बड़ी हो जाएगी, फिर कभी।

यह एक साइकोलॉजिकल हॉरर है, और बहुत ही डिस्टर्बिंग है। चीख़-चिल्लाहट, भूत और भूतिया सपने, हेलुसिनेशन्स, ड्रीम सीक्वेंस, सड़े गले चेहरे, डरावना बैकग्राउंड स्कोर, यहाँ तक कि एक भी जम्पस्केयर नहीं है। एकदम से चौंकाने, डराने वाला भी एक भी सीन नहीं है लेकिन इतना भारी कर देती है दिमाग़ को एकदम बोझिल कि आप चाहते हैं बस यह सब टॉर्चर जल्दी से ख़त्म हो जाए।
आपमें से बहुतों ने The Mist देखी होगी। पूरी फ़िल्म सो-सो है, लेकिन जो क्लाइमेक्स है एकदम हिलाकर रख देता है, dumbfounded जिसे कहते हैं, स्तब्धकारी। बहुत टाइम तक haunt करता है। यह मूवी उससे भी बहुत आगे है। इतने भावहीन सपाट चेहरे, सपाट डायलॉग डिलीवरी, जैसे जो हो रहा, रूटीन हो। कोई एक्सप्लेनेशन नहीं, फ्लैशबैक में नहीं जाती कहानी, कोई सुपर पॉवर या जादू-टोना या साइंटिफिक रीज़न नहीं एक्स्प्लेन करती जबकि मेन लीड पति-पत्नी दोनों डॉक्टर हैं, ख़ुद का हॉस्पिटल है। एक कार्डियोलॉजिस्ट एक ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट है। जो हो रहा, ‘कैसे’ हो रहा सब एक्स्प्लेन ही नहीं करती। ‘क्यों’ हो रहा, बस इस पर ज़ोर है। द मिस्ट के अंत वाला माहौल यहाँ तो आधे घण्टे बाद ही बनने लगता है।
अगर पैरेंट्स को चुनना पड़े कि उनके बच्चों में से एक की बलि देना पड़ेगी, नहीं तो पूरा परिवार ख़त्म हो जाएगा और यह बात बच्चों को भी पता हो, फिर कैसे क्या करके इस सिचुएशन को डील करेंगे, इसी पर बेस्ड है।
यह बहुत ज़्यादा डिस्टर्बिंग मूवी है, वह भी बिन लाउड हुए, डराने वाले सारे टिपिकल फॉर्मूला में से कोई भी अपनाए बिना हॉरिफाइड रखती है पूरे टाइम। अपने रिस्क पर देखें, द मिस्ट जैसी मूवीज़ पसन्द हों तो। लम्बे टाइम तक haunt करेगी यह भी। फ़िल्म अमेज़न प्राइम पर है।