लखीमपुर खीरी : न्यूज़ नेशन, टाइम्स नॉउ चैनल के संवाददाता और वरिष्ठ पत्रकार मो यासीन (उम्र 55 वर्ष) 14 तरीख को लगभग 1 बजे नमाज के लिए मस्जिद पैदल जा रहे थे. तभी एक ऑटो रिक्शा वाले ने उनको टक्कर मार दी. इससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए. सिर में काफी चोटें आयीं.
आनन फानन में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लखीमपुर के जिला अस्पताल में ना ही कोई हार्ट का डॉक्टर है और ना ही कोई न्यूरोसर्जन डॉक्टर है. मो यासीन जिला अस्पताल में 5 घंटे तक ऐसे ही पड़े रहे. उनको कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया.
इसके बाद डॉक्टर आए तो उनको ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया. लखनऊ में लचर व्यवस्था की वजह से पत्रकार कई घंटे बाहर पड़ा रहा. उसके बाद अधिकारियों के जोर दबाव से भर्ती करवाया गया. भर्ती के बाद डॉक्टरों ने कहा जब तक इनकी कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आएगी, हम इनका इलाज नहीं कर सकते.
लगभग 20 घंटे बाद कोरोना रिपोर्ट आई, फिर उनका एडमिशन हुआ. कोरोना काल के चलते डॉक्टरों का कहना है कि वेंटिलेटर भी खाली नहीं है. परिजनों ने बहुत दौड़ भाग कर के हाथ पैर जोड़ के वेंटिलेटर के लिए डॉक्टरों से कहा. फिर वेंटिलेटर मिल गया.
लगभग 36 घंटे बाद उनका इलाज शुरू हुआ. डॉक्टरों का कहना था कि हेडइंजरी हुई है, सर्जरी करनी होगी. परिजनों ने सर्जरी करने की अनुमति दी लेकिन डॉक्टर सर्जरी टालते रहे. फिर परिजनों के खूब कहने पर लगभग 100 घंटे बाद सर्जरी की. सर्जरी के 12 घंटे बाद उनकी मौत हो गयी.
उनकी मौत की खबर सुन कर जिले के पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गयी. हर कोई पत्रकार उनके ठीक होने की भगवान से दुआ कर रहा था. खराब स्वास्थ सेवाओं ने पत्रकार की जान ले ली. अगर एक्सीडेंट के ठीक 24 घंटे के अंदर सर्जरी हो जाती तो शायद वरिष्ठ पत्रकार मो यासीन की जान बच जाती।
रिपोर्ट-प्रभाकर शर्मा