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उत्तराखंड

आज के समय में पत्रकारिता में विश्वसनीयता बनाए रखना ज्यादा जरूरी: डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक

देहरादून। पत्रकारिता आज कई चुनौतियों से जूझ रही है। इसमें काम करने वाले पत्रकार भी दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों से दो-चार हो रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद हमें पत्रकारिता में विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा। विश्वसनीयता के संकट से निपटने के लिए अपने जोश और जज्बे को कायम रखना होगा। यह कहना है प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का। श्री निशंक रविवार को देहरादून के जैन धर्मशाला में जर्नलिस्ट एसोसिएशन इलेक्ट्रॉनिक एंड प्रिंट, उत्तराखंड द्वारा आयोजित वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियां विषयक एक दिवसीय विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

<p>देहरादून। पत्रकारिता आज कई चुनौतियों से जूझ रही है। इसमें काम करने वाले पत्रकार भी दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों से दो-चार हो रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद हमें पत्रकारिता में विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा। विश्वसनीयता के संकट से निपटने के लिए अपने जोश और जज्बे को कायम रखना होगा। यह कहना है प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का। श्री निशंक रविवार को देहरादून के जैन धर्मशाला में जर्नलिस्ट एसोसिएशन इलेक्ट्रॉनिक एंड प्रिंट, उत्तराखंड द्वारा आयोजित वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियां विषयक एक दिवसीय विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।</p>

देहरादून। पत्रकारिता आज कई चुनौतियों से जूझ रही है। इसमें काम करने वाले पत्रकार भी दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों से दो-चार हो रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद हमें पत्रकारिता में विश्वसनीयता को बनाए रखना होगा। विश्वसनीयता के संकट से निपटने के लिए अपने जोश और जज्बे को कायम रखना होगा। यह कहना है प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का। श्री निशंक रविवार को देहरादून के जैन धर्मशाला में जर्नलिस्ट एसोसिएशन इलेक्ट्रॉनिक एंड प्रिंट, उत्तराखंड द्वारा आयोजित वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियां विषयक एक दिवसीय विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता कई क्रांतिकारी परिवर्तनों की वाहक है और आज भी इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के तौर जनहित के लिए लड़ते देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता बेहद जिम्मेदारी का काम है और इसे इसी पवित्र भावना से करना चाहिए। डॉ. निशंक ने पत्रकारिता में कई तरह की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि यह कार्य ही जोश और जुनून का है। उन्होंने अपने समय की पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह तब भी उतना ही चुनौतीपूर्ण कार्य था जितना आज है। उन्होंने सभी पत्रकारों को इन चुनौतियों से लड़ते हुए विश्वसनीयता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है इसलिए पत्रकारिता में भी बदलाव हो रहे है इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए।

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कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित दैनिक राष्ट्रीय सहारा के स्थानीय संपादक और प्रख्यात पत्रकार डॉ. दिलीप चौबे ने वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकारिता एक शाश्वत चुनौती है। इन चुनौतियों से निबटने के लिए पत्रकारों को जज्बा और जिद् दोनों को कायम रखना होगा। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और यह सदैव जनहित के लिए लड़ता है। उन्होंने वर्तमान मोदी सरकार और मीडिया के बीच बढ़ती दूरी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पीएम विभिन्न वर्गो से आज सीधे संवाद कर रहे है उससे मीडिया की भूमिका संकुचित हो रही है यह न तो पीएम, न जनता और न ही मीडिया के हित में है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सोशल मीडिया भी जिस तरह से देश में लोकप्रिय हो रहा है वह सुखद है लेकिन इस मीडिया का किस तरह से उपयोग हो इस पर गंभीर चर्चा समय की मांग है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी व आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने कहा कि पत्रकारिता और पत्रकार सदैव भारतीय समाज के श्रद्धा और विश्वास का केन्द्र रहे है। आज भी देश की जनता अखबार में लिखे को सत्य मानती है इसलिए पत्रकारों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं समाचारपत्रों का गंभीर पाठक हूं और आज की पत्रकारिता के सामने उपस्थित चुनौतियों को समझता हूं। इन चुनौतियों से लड़ते हुए भी पत्रकार जिस तरह से जनता के मुद्दो को उठा रहे है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कार्यक्रम का आयोजन करने वाले पत्रकार संगठन को भी ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा कराने के लिए धन्यवाद दिया।

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कार्यक्रम को एसोसिएशन के संरक्षक राकेश कुमार भाटी, संयोजक अखिलेश व्यास, प्रदेश महासचिव धीरेन्द्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल आदि लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन लता केसी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष सुभाष त्यागी ने किया। इस दौरान अनूप महर, सुचिता नेगी, विजय जयसवाल, रमन जायसवाल, कपिल गर्ग, कुलदीप कुमार, किशोर जोशी, उत्तराखंड तकनीकि विश्वविद्वालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. आरके सिंह, देहरादून के जिलाध्यक्ष अभिषेक वाजपेयी समेत बड़ी संख्या में पत्रकार और अन्य संगठनों के लोग उपस्थित रहे। (प्रेस विज्ञप्ति)

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0 Comments

  1. धीरेन्द्र सिंह

    September 30, 2014 at 8:04 am

    अत्यंत लोकप्रिय वेबपोर्टल पर स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद/

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