लखनऊ : मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक अखबार कर्मियों को वेतनमान न दिए जाने को लेकर कारवाई पर उत्तर प्रदेश सरकार की हीला-हवाली के संदर्भ में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) ने सोमवार को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने आईएफडब्लूजे के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी और सचिव सिद्धार्त कलहंस के नेतृत्व में ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल को इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि अखबार कर्मियों के हितों का पूरा संरक्षण किया जाएगा। आईएफडब्लूजे की मजीठिया को लेकर की गयी यह कवायद हाल ही में संगठन से बाहर निकाले गए पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव व उनके गिरोह को इस कदर नागवार गुजरी कि उन्होंने इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि विक्रम राव मजीठिया वेज बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं और बोर्ड की बैठक में लखनऊ से दिल्ली तक का सफर करने के एवज में 48000 रुपये का यात्रा बिल वसूलने की धोखाधड़ी करने के आरोप में उन पर विजिलेंस की जांच चल रही है। इतना ही नहीं आईएफडब्लूजे का अध्यक्ष रहते विक्रम राव ने देशाटन पर ले जाने वाले अपने संगठन के सदस्यों से मजीठिया की लेवी के नाम पर भारी भरकम रकम भी वसूली जिस का एक अंश भी उन्होंने पत्रकारों को मजीठिया दिलाने के नाम पर खर्च न कर अपनी जेब में रख लिया। तमाम फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी, रकम डकारने के आरोपों में आईएफडब्लूजे की कार्यसमिति ने बीते साल नवंबर में विक्रम राव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था। बाद में इस साल मार्च में विक्रम राव को लखनऊ श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष सिद्धार्थ कलहंस ने संगठन की प्राथमिकता सदस्यता से निकाल बाहर किया था। उक्त संबंधी समाचार भड़ास पर प्रकाशित हो चुका है।
राव की ओर उनकी बनायी गयी एक कथित कमेटी के सचिव संतोष चतुर्वेदी (जो कि मथुरा निवासी हैं और राजधानी में आवास दिखा कर स्पष्ट आवाज अखबार से छायाकार की मान्यता ले रखी है) ने एक बयान जारी कर कहा कि हेमंत तिवारी व सिद्धार्थ कलहंस आईएफडब्लूजे की राज्य ईकाई यूपीडब्लूजे के प्राथमिक सदस्य नही हैं और भ्रम फैला रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि तमाम कागज पेश करने के बावजूद संतोष केवल हेमंत के निलंबन का एक नोटिस मात्र दिखा पाए और सिद्धार्थ कलहंस के मामले में तो वह भी नहीं। जिन हसीब सिद्दीकी के हवाले से वह इन आईएफडब्लूजे के पदाधिकारियों को संगठन से निष्कासित होने का का दावा कर रहे हैं उन्होंने आज तक एक कारण बताओ नोटिस तक इन दोनो को नहीं जारी किया है।
हकीकत यह है कि राव व उनके गिरोह के सदस्य (जो अब चंद ही बचे हैं) यूपीडब्लूजे के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी के नाम का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। इस संबंध में सत्यता सिद्दीकी से जानी जा सकती है कि उन्होंने सिद्धार्थ कलहंस या हेमंत तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी की, निलंबित किया या निष्कासन जैसी कोई कारवाई कभी शुरू की।
सिद्धार्थ कलहंस
सचिव
आईएफडब्लूजे
Ph: 09336154024