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आयोजन

मथुरा के वीकली अखबार ‘विषबाण’ के चार वर्ष पूरे

मथुरा। निष्पक्ष एवं निर्भीक साप्ताहिक समाचार पत्र ‘विषबाण’ के चार वर्ष पूर्ण होने तथा पांचवे वर्ष में प्रवेश करने पर ‘विषबाण’ परिवार द्वारा आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस रंगारंग एवं काव्य बौछारों के बीच मनाया गया। सरस्वती शिशु मंदिर, डैम्पीयर नगर के सभागार हाॅल में आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि दृष्टांत पत्रिका के प्रधान संपादक एवं देश के जाने-माने निर्भीक पत्रकार अनूप गुप्ता, महामण्डलेश्वर नवल गिरी महाराज, लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमेन एवं प्रमुख समाजसेवी गजेन्द्र शर्मा ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया।

<p>मथुरा। निष्पक्ष एवं निर्भीक साप्ताहिक समाचार पत्र ‘विषबाण’ के चार वर्ष पूर्ण होने तथा पांचवे वर्ष में प्रवेश करने पर ‘विषबाण’ परिवार द्वारा आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस रंगारंग एवं काव्य बौछारों के बीच मनाया गया। सरस्वती शिशु मंदिर, डैम्पीयर नगर के सभागार हाॅल में आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि दृष्टांत पत्रिका के प्रधान संपादक एवं देश के जाने-माने निर्भीक पत्रकार अनूप गुप्ता, महामण्डलेश्वर नवल गिरी महाराज, लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमेन एवं प्रमुख समाजसेवी गजेन्द्र शर्मा ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया।</p>

मथुरा। निष्पक्ष एवं निर्भीक साप्ताहिक समाचार पत्र ‘विषबाण’ के चार वर्ष पूर्ण होने तथा पांचवे वर्ष में प्रवेश करने पर ‘विषबाण’ परिवार द्वारा आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस रंगारंग एवं काव्य बौछारों के बीच मनाया गया। सरस्वती शिशु मंदिर, डैम्पीयर नगर के सभागार हाॅल में आयोजित चतुर्थ स्थापना दिवस का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि दृष्टांत पत्रिका के प्रधान संपादक एवं देश के जाने-माने निर्भीक पत्रकार अनूप गुप्ता, महामण्डलेश्वर नवल गिरी महाराज, लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमेन एवं प्रमुख समाजसेवी गजेन्द्र शर्मा ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनूप गुप्ता ने अपने प्रखर वक्तव्य से उपस्थित-जनों को चिन्तन पर मजबूर कर दिया। उन्होंने समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े आम आदमी के प्रति पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार की बात प्रमुखता से कही। वहीं दलाल पत्रकारिता और सत्ता की चरणवंदना करने वाले पत्रकारों के खिलाफ बगावत करने का बिगुल फूंकने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का असली मकसद गरीब, आम आदमी को मदद करते हुए उसकी लड़ाई लड़ने के लिये तैयार करना होना चाहिये ना कि सरकार और अधिकारियों की चाटुकारिता करना। श्री गुप्ता ने पत्रकारिता के सामने आने वाली चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि जब एक सच्चे पत्रकार को अपने साथियों की जरूरत होती है तब दलाल पत्रकार सत्ता के सिपाही बन जाते हैं। पत्रकारिता में यह स्थिति ही मिशनरी पत्रकारिता को खोखला कर रही है। इसके लिये समाज को इन सच्चे पत्रकारों के साथ खड़ा होना पड़ेगा जिससे वह आम आदमी की दबती आवाज को सरकार के सामने निर्भीकता से रख सकें। इसके साथ ही उन्होंने परिवार की समृद्धि और नैतिकता के लिये एक बेटी होने को आवश्यक बताया।

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प्रमुख वक्ता गजेन्द्र शर्मा ने कहा कि निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की प्रशंसा होनी चाहिये। अगर गलत को गलत कहने वाले निष्पक्ष पत्रकार ना होते तो देश का परिदृश्य आज कुछ और होता। उन्होंने समाज में आ रही बुराईयों के लिये भगवान से दूरी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पहले लोग बुरे कर्मों को करने से पहले ईश्वर से डरते थे लेकिन आज कोई भी भगवान से नहीं डरता क्यूंकि लोग भगवान की पूजा से ही दूर होने लगे हैं।

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विशिष्ट अतिथि वृन्दावन के महामण्डलेश्वर नवलगिरी महाराज ने अपने उद्बोधन में पत्रकारिता को समाज के लिये समर्पित होने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि अभी भी बहुत से मुद्दे और विषय हैं जिनके समाधान के लिये पत्रकारों की सक्रियता आवश्यक है। उन्होंने पत्रकारिता के दुष्कर कार्य में लगे रहने वाले युवाओं को तनावमुक्त रहने का मंत्र देते हुये कहा कि हमेशा मुस्कराते रहने की आदत डालनी चाहिये। इससे न केवल स्वयं का आत्मबल बढ़ता है बल्कि दुश्मन का मनोबल भी गिरता है। महामण्डेश्वर ने कहा कि प्रत्येक वह कार्य बुरा है जिसके करने में हमें यह डर लगे कि कोई हमे देख ना ले, हम पकड़े ना जायें। ऐसे प्रत्येक कार्य से बचना चाहिये। प्रमुख साहित्यकार एवं ज्ञानदीप शिक्षा भारती के सचिव मोहन स्वरूप भाटिया ने कहा कि आज निष्पक्ष पत्रकारिता के लिये विषबाण की अलग पहचान है इसकी जितनी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है। उन्होंने कहा कि आज के युग में समाचार पत्र संचालन करना बहुत ही मुश्किल कार्य है। लेकिन इसके बावजूद भी विषबाण जैसे पत्र का संचालन होना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

स्थापना दिवस समारोह में संगीत अकादमी के बाल कलाकारों ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की तथा अनेक मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। 4 वर्ष की बाल कलाकार तनिष्का जैन ने कत्थक नृत्य करके दर्शकों को दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। छोटी उम्र की इस बाल कलाकार ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से अपने उज्जवल भविष्य की झलक दिखा दी। इसके पश्चात पुण्डिरकाक्ष देव पाठक ने शास्त्रीय संगीत पर भजन प्रस्तुत किया।

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कार्यक्रम के अन्तर्गत रविन्द्र पाल रसिक ने ‘‘माँ शारदे मेरे वतन में ये दोबारा हो….’’ माँ सररस्वती की वन्दना के साथ कवि सम्मेलन प्रारम्भ किया। प्रमुख हास्य सम्राट कवि सबरस मुरसानी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को जमकर ठहाके लगवाये। विभिन्न रसों के साथ ‘डकार रस’ नामक एक नये रस का परिचय कराते हुए उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के बाद प्रमुख विपक्षी दलों की स्थितियों का विचित्र चित्रण कर हास्य उत्पन्न कर दिया। पत्रकारों को रचना समर्पित करते हुये उन्होंने कहा कि ‘‘नाखुद रोता है ना किसी की आखें भिगोता है, एक सच्चा पत्रकार एक अच्छी सरकार की तरह होता है।’’

जितेन्द्र विमल ने काव्य पाठ करते हुये कहा कि
‘‘अगर तू साथ है तो कुछ नहीं परवाह दुनिया की…

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प्रख्यात गीतकार डा. रमाशंकर पाण्डेय ने
‘‘भगत सुभाष जैसी जहाँ की जवानियाँ थीं,
वहाँ यह खत्म कहानी कैसे हो गयी,
शक्ति और साहस की उर थी रवानी वहाँ,
हर ओर ये वीरानी कैसे हो गयी,
ऐसी पानीधार थी कि पानी में लगा दे आग,
देश की उमंग पानी-पानी कैसे हो गयी,
लड़कियों की अंखियों से गोली खाकर मर जाये,
ऐसे मेरे देश की जवानी कैसे हो गयी।।
कवि राहुल गुप्ता ने साम्प्रदायिकता को सियासत की देन देते हुए कहा कि-
सियासत से गुनाहों की पहचां हो गये,
देखते-देखते धरती से आसमां हो गये,
इंसा बनना इनके नसीब में ना था,
कुछ हिन्दु हो गये, कुछ मुसलमां हो गये।
चन्द्र प्रकाश मैंथिल ने भ्रष्ट पत्रकारिता पर चोट करते हुए कहा कि –
अब तो मुमकिन है कि सिकन्दर को भिखारी लिखना,
अब तो मुमकिन है बंदर को मदारी लिखना,
जब से कलम को इश्क चांदी से हुआ,
तब से मुमकिन है जुआरी को पुजारी लिखना।

ओज के प्रसिद्ध कवि मनवीर मधुर ने अपनी कविताओं से बड़ी देर तक श्रोताओं को बांधे रखा। उन्होंने राष्ट्रसेवा को सबसे पहले देखने की सीख देते हुए कहा कि-

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चाहे नम्र मखमल के बिस्तर या धरती पर लेटे हो,
राजनीति की मंहगी दुशालें चाहे खूब लपेटे हो,
भले स्वयं परिवार के हित जीवनभर संघर्ष करो,
लेकिन भूल मत जाना कि तुम भारत माता के बेटे हो

कश्मीर में सेना विरोधी लोगों को करारा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि-

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भले बिखरे स्वयं का घर तो कीमत कौन देता है,
अगर बेखौफ जीते हो तो हिम्मत कौन देता है।

ब्रज के युवा कवि अनुपम गौतम ने कविता करते हुए कहा कि –

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‘‘कोई भगवान धरती पर यूं ही नहीं उतर आता,
हमारी आस्थाओं ने पत्थरों में जान डाली है।’’

अन्त में आभा द्विवेदी ने ब्रजभाषा में भजन गाया तथा भोजपुरी में मधुर गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सरस्वती शिशु मंदिर, मथुरा के प्रधानाचार्य श्यामपाल सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में विषबाण अखबार एवं न्यूज पोर्टल की निष्पक्ष पत्रकरिता की प्रशंसा करते हुए समाज के लिये आवश्यक कदम बताया। विषबाण ग्रुप के मालिक मफतलाल अग्रवाल ने उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापन दिया। अनुपम गौतन में सशक्त संचालन की जिम्मेदारी का निर्वहन किया।

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इस अवसर पर आईएमए के राष्ट्रीय संयोजक नरेन्द्र एम चतुर्वेदी, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आर.के. वर्मा, सिंड आर सेटी के पूर्व निदेशक वेद प्रकाश गर्ग, प्रमुख समाजसेवी नरोत्तम प्रसाद अग्रवाल, पतंजलि के जिला वितरक उमेश चन्द गर्ग, डीडीयू के चेयरमेन मोरध्वज अग्रवाल, वरिष्ट पत्रकार महेश वाष्र्णेय, दिलीप यादव, विवेक दत्त मथुरिया, अरूण अन्नु, विनोद अग्रवाल, विष्णु गुप्ता, लोकेन्द्र नरवार, भगवान सिंह चैहान, जगदीश वर्मा ‘समन्दर’, उमाशंकर शर्मा, भारत सिंह, दीपक गोस्वामी, गुलशन कुमार गुप्ता, अशोक आर्य, पवन बंसल, गणेश जिंदल, सीए अमित बंसल, बदन सिंह प्रधानाचार्य, रवि गोयल, संजय जिंदल, संतोष भारद्वाज, गोपाल शर्मा, कैलाश प्रधान, त्रिलोकी रावत, मनोज सोनी, नानिक जिंदल, प्रमोद गर्ग, एड. मनोज गौतम, पंकज अग्रवाल, विनोद कुमार, गावस्कर,  विकास, महेश,  आदि सहित मथुरा जनपद के प्रमुख एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे ।

विषबाण ने इनको दिया लीलावती स्मृति सम्मान
विषबाण मीडिया ग्रुप द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रमुख साहित्यकारों, समाज सेवियों को दिया जाने वाला श्रीमती लीलावती स्मृति सम्मान इस वर्ष 2016-17 के लिये समाज सेवा के क्षेत्र में बाजना के प्रमुख व्यवसाई लोकेन्द्र बाबू वर्मा को समाज सेवा रत्न, साहित्य के क्षेत्र में वीर रस के राष्ट्रीय कवि मनवीर मधुर को वीर रस शिरोमणि, हास्य कविता के क्षेत्र में हास्य सम्राट कवि सबरस मुरसानी को हास्य रस शिरोमणि, निर्भीक पत्रकारिता के मिशन के लिये दृष्टांत पत्रिका के संपादक अनूप गुप्ता को पत्रकारिता शिरोमणि की उपाधि से, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज, लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमेन गजेन्द्र शर्मा, प्रमुख साहित्यकार मोहन स्वरूप भाटिया को विषबाण मीडिया गु्रप के संपादक मफतलाल ने प्रमाण पत्र, शाल, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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