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हिंदुस्तान अखबार में अपने साथ हुए इस तरह के व्यवहार से अाहत हूं

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महोदय, शशि शेखर साहब, 

मैं अलीगढ़ में रिटायर प्राइमरी टीचर हूं अौर अब सामाजिक कार्यों में लगा रहता हूं। मुझे अापको यह बताते हुए खुशी तो नहीं हो रही है लेकिन अगर नहीं बताया तो यह अपने हृदय की अावाज की अनदेखी करना होगा। मैंने कुछ वर्षों पहले से हिंदुस्तान अखबार इसलिए पढ़ना शुरू किया क्योंकि अापका लेख इसमें अाता था।

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महोदय, शशि शेखर साहब, 

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मैं अलीगढ़ में रिटायर प्राइमरी टीचर हूं अौर अब सामाजिक कार्यों में लगा रहता हूं। मुझे अापको यह बताते हुए खुशी तो नहीं हो रही है लेकिन अगर नहीं बताया तो यह अपने हृदय की अावाज की अनदेखी करना होगा। मैंने कुछ वर्षों पहले से हिंदुस्तान अखबार इसलिए पढ़ना शुरू किया क्योंकि अापका लेख इसमें अाता था।

अखबार से एक भावनात्मक जुड़ाव हो गया। लेकिन कुछ दिनों पहले जब मैं अखबार के कार्यालय गया तो मुझे एक  अादमी ने पूरे अाफिस के सामने बुरी तरह अपमानित किया। वजह यह कि मैंने पूछ लिया कि मेरी खबर कब छपेगी। इसके बाद जब मैंने पूछा कि अापका नाम क्या है तो वह अमुक अादमी अौर अधिक उग्र होकर गाली गलौज पर उतर अाया। वहीं गार्ड को बुलाकर मुझे धक्के मारकर बाहर निकालने को कह डाला। 

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मैंने अपने बेटों को भी यह बात नहीं बताई। किसी को नहीं बताई। लेकिन मैं अखबार जैसी संस्था में अपने साथ हुए इस तरह के व्यवहार से अाहत हूं। मैं जानता हूं कि इस प्रकरण में होगा तो कुछ नहीं लेकिन अापकी न्यायप्रियता के बहुत किस्से सुने हैं। मेरी गोबर्धन में उस समय पोस्टिगं थी जब अाप अाज अखबार के संपादक थे। 

अापका 

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एस के चौधरी

सेवा निवृत शिक्षक

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निवासी- अमरौली, पोस्ट जवां, जिला अलीगढ़

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0 Comments

  1. RAKESH KUMAR

    June 11, 2016 at 1:08 pm

    ये आम बात है – अख़बार को हृदय से लगाया बस यही आपकी गलती है

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