मोहम्मद अनस-
यह हमारी विधानसभा फूलपुर, इलाहाबाद है। मुस्लिम डेढ़ लाख, यादव 80 हजार हैं। वोटिंग हुई 60% ।
सपा के उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी भाजपा से मात्र 3500 वोट से हार गए। वजह? यादव मठाधीशों ने एक रात पहले कहा कि मुसलमान पहले भी जीत चुका है, इसके पहले भी टिकट लाया था, उससे पहले सरकार में विधायक भी मुसलमान था, फिर जीतेगा तो इस सीट पर यादव को टिकट नहीं मिलेगा। स्थानीय मठाधीश यादवों की राजनीति खत्म हो जाएगी। भले अखिलेश यादव हार जाएं। मुसलमान को हराओ।
बगल की विधानसभा प्रतापपुर है, हमने यादव उम्मीदवार को जिताया। हम चाहते तो प्रतापपुर का समीकरण खराब कर सकते थे, लेकिन नहीं किया। प्रतापपुर में मुसलामन 1 लाख तीस हजार यादव 1 लाख। फूलपुर (झूंसी) में हमें यादवों के मठाधीशों ने हरा दिया।
यहां दो स्क्रीनशॉट लगा रहा हूं। एक में प्रतापपुर, इलाहाबाद से मुस्लिम कैंडिडेट हैं अहमद अंसारी, पीस पार्टी से। गजब पैसा खर्च और प्रचार किया था इन्होंने। प्रतापपुर में अंसारी कम से कम 30 हजार हैं। दूसरे में हैं फूलपुर से रामतौलन यादव बसपा से। 80 हजार यादव वोटर। अहमद अंसारी को 22 सौ वोट मिलता है और रामतौलन को 32 हजार। वजह? यह उन यादवों को खोजनी चाहिए जो मेरी पिछली पोस्ट पर आ कर मेरी आलोचना कर रहे हैं। यही हाल जौनपुर सदर सीट का हुआ। सपा का कैंडिडेट मुस्लिम, भाजपा का यादव। भाजपा जीत गई सपा हार गई। जबकि इस सीट पर सपा एवं कांग्रेस से मुसलमान विधायक होते रहे हैं।
रामतौलन यादव को फूलपुर के सपाई यादवों ने बीस हजार यादव वोट डलवाए ताकि फूलपुर से मुसलमान न जीत सके। हमने ये सीट मात्र 3500 वोट से गंवा दी। और दूसरी तरफ मुसलमानों ने अपना सब कुछ दांव पे लगा कर विजमा यादव को प्रतापपुर से जिता दिया। नीचे स्क्रीनशॉट लगाया हूं, भरोसा न हो मेरी बात पे तो अपने मुंह पे मार लीजिएगा। खुद को सुधारिए। पार्टी का कैंडिडेट कहीं भी हो उसे जिताइए। यादववाद करेंगे तो पीछे रह जाएंगे।