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वेब-सिनेमा

Youtube Algorithm से जुड़े कुछ मिथ और सुझाव

श्याम मीरा सिंह-

Youtube Algo सिर्फ Viewer में बिहेवियर पर फोकस्ड होता है. अगर शुरुआती व्यूअर्स को आपकी कोई वीडियो पसंद आ रही है तो उसको आगे बढ़ाता है. बाकी चीजों से अल्गोरिद्म को कोई फर्क नहीं पड़ता

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आपके द्वारा Description में बहुत कुछ लिखने से, कीवर्ड लिखने से, टैग्स डालने से कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता. बेहद ही नया चैनल है. तो उसे जरूर डालने चाहिए क्योंकि उस वक्त Youtube को आपके चैनल की प्रोफाइल के बारे में अंदाजा नहीं होता. लेकिन जैसे ही दस-बीस हजार सब्सक्राइबर आपके पास हुए. उसको आपकी और आपके व्यूअर्स की समझ आ जाती है. फिर आगे का खेल इसी समझ से होता है. व्यूअर्स आपको पसंद कर रहे हैं तो वीडियो आगे जाएगी. नहीं तो नहीं जाएगी. यही कारण है बहुत सी वीडियोज पर कुछ भी डिस्क्रिप्शन, टैग्स, कीवर्ड नहीं होता फिर भी वो वायरल होती है. कारण ये कि वो कुछ दर्शकों द्वारा पसंद की गई होगी. कितना भी कीवर्ड, टैग्स और अच्छा डिस्क्रिप्शन डाल लो. अगर शुरुआती दर्शकों ने रूचि नहीं दिखाई तो वीडियो आगे नहीं जाएगी.

अगर हफ्ते, दो हफ्ते, एक महीने, या दो महीने वीडियो नहीं डाली तो भी आपके चैनल की सेहत पर फर्क नहीं पड़ेगा. चैनल डेड होने जैसा कुछ नहीं है. अगर तीन महीने बाद भी आपने कोई वीडियो डाली और आपके शुरुआती दर्शकों ने उसे पसंद किया तो वो वायरल होगी. आगे बढ़ेगी. इसलिए छुट्टियाँ लेने से न डरें. मैंने पिछले 1 महीने कुछ नहीं डाला था. लेकिन इस महीने 5 वीडियोज डालीं. बीते 28 दिन में मेरे चैनल पर 55 हजार Subscriber जुड़े. कुछ दिन पहले मेरे 3 लाख Subscriber थे, अब 3 लाख 61 हजार हो गए.

Monetisation पर अगर कोई Restriction आ गया है. जैसे उसे Limited monetise (Yellow Sign) आ गया है तो इससे भी वीडियो की रीच पर कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि Youtube के Algorithm को बिल्कुल नहीं पता होता कि वीडियो Monetise है या नहीं है. ये काम Youtube में अलग टीम और अलग सिस्टम का होता है.

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Video upload की टाइमिंग के बारे में मिथक है कि सिर्फ फलाने टाइम पर ही वीडियो चलेगी. ऐसा नहीं है. ये सही बात है कि रात के 8-9 बजे जिस वक्त प्राइम टाइम होता है उस वक्त लोग अधिक Youtube चलाते हैं. और शुरुआती तौर पर आपकी वीडियो को दर्शक अधिक मिलते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इस वक्त वीडियो डालने से वीडियो सबसे अधिक चलेगी. अगर आपने रात के 12 बजे भी वीडियो डाली है. 1 बजे भी वीडियो डाली है तो Youtube आपके दर्शकों को सुबह, दोपहर या शाम जब भी आपके व्यूअर Youtube पर आएँगे तब उन्हें दिखाएगा. अगर वे पॉजिटिवली आपकी वीडियो को देखेंगे, रियेक्ट करेंगे तो आपकी वीडियो किसी भी टाइम आए. वो चलेगी ही. लंबे समय में, वीडियो की अपलोडिंग का टाइमिंग कुछ भी मैटर नहीं करता. मेरी पिछली वीडियो मैंने रात में साढ़े दस बजे के बाद डाली. वैसे में अक्सर 6-7 बजे शाम को डालता हूँ. लेकिन आधी रात के वक्त वीडियो अपलोड करने के बाद भी वीडियो को 24 घंटे में 1.5 लाख दर्शक मिले.

वीडियो कितना बड़ा है, कितना छोटा है, किस केटेगरी का है, किस भाषा का है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर दर्शकों ने आपकी वीडियो को पसंद किया तो वो चलेगी ही. ये नही है कि सिर्फ लंबी वीडियो ही चलेंगी. ये भी नहीं है कि सिर्फ छोटी वीडियो चलती हैं. आप ये श्योर करो कि जितनी भी लंबी वीडियो आप बना रहे हैं क्या आपके दर्शक उसे उतनी देर झेल सकते हैं?

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Youtube Algorithm पर आज सिर्फ इतना ही. Algorithm के बारे में, Youtube के बारे में बहुत से दोस्तों ने मैसेज किये हुए हैं. सबके जवाब नहीं दे सकता. लेकिन इस पोस्ट के माध्यम से आप सब थोड़ी थोड़ी समझ डेवलप कर सकते हैं. इससे बहुत से साधारण क्रियेटर्स की मेहनत बचेगी. जो बेचारे छोटे छोटे गाँव से. कस्बों से या शहरों में भी Youtube पर मेहनत करते हैं लेकिन निकलता कुछ नहीं. अगर वे सही तरीके से शुरुआत करें तो उनकी मेहनत का ख़राब होने से बच सकती है.

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